"माला": अवतरणों में अंतर

किसीकामना या मन की इच्छा की पूर्ति के लिए अलग-अलग पदार्थों की माला का उपयोग किया जाता है। कई लोग लाखों मंत्र जप कर लेते हैं लेकिन उन्हें उनकी मनचाही वस्तु का पूरा भाग नहीं मिल पाता और फिर वे मंत्रों की प्रामाणिकता को दोष देते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण उचित माला से मंत्र जप का अभाव। मुंडमाला तंत्र में प्रत्येक प्रकार की पूजा के साथ उसके लिए एक माला निश्चित की गई है। यह माला रूद्राक्ष, शंख, कमल गट्टे, जियापोता, मोती, स्फटिक, मूंगा, मणि, रत्न, स्वर्ण, चांदी, कुशमूल, गुंजा आदि अनेकों प्रकार की होत...
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[[चित्र:Flowers for a wedding.JPG|right|thumb|300px|विवाह के अवसर पर पुष्पमालाओं से की गयी सज्जा]]
'''माला''' एक अलंकारिक वस्तु है जो [[फूल|फूलों]] से या अन्य चीजों (पत्ती, कागज आदि) से बनायी जाती है। इसे प्राय: किसी व्यक्ति के गले में पहनाया जाता है या निर्जीव चीजों को सजाने के लिये प्रयुक्त किया जाता है।
किसीकामना या मन की इच्छा की पूर्ति के लिए अलग-अलग पदार्थों की माला का उपयोग किया जाता है। कई लोग लाखों मंत्र जप कर लेते हैं लेकिन उन्हें उनकी मनचाही वस्तु का पूरा भाग नहीं मिल पाता और फिर वे मंत्रों की प्रामाणिकता को दोष देते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण उचित माला से मंत्र जप का अभाव। मुंडमाला तंत्र में प्रत्येक प्रकार की पूजा के साथ उसके लिए एक माला निश्चित की गई है। यह माला रूद्राक्ष, शंख, कमल गट्टे, जियापोता, मोती, स्फटिक, मूंगा, मणि, रत्न, स्वर्ण, चांदी, कुशमूल, गुंजा आदि अनेकों प्रकार की होती है।
रूद्राक्ष की माला : शास्त्रों में रूद्राक्ष की माला को सर्वश्रेष्ठ कहा गया है।
किसी भी उद्देश्य या कामना की पूर्ति के लिए रूद्राक्ष की माला से जप किया जा सकता है। इससे किया हुआ जप कभी निष्फल नहीं होता। रूद्राक्ष की माला को गले, हाथों में ब्रेसलेट के रूप में या किसी भी अन्य रूप में धारण करने से व्यक्ति में उर्जा, साहस, बल में वृद्धि होती है। शत्रु परास्त होते हैं और व्यक्ति को शिवकृपा प्राप्त होती है।
स्फटिक की माला : भौतिक वस्तुओं की प्राप्ति, आकर्षण, सौंदर्य, भोग प्राप्ति के उद्देश्य से मंत्र जप कर रहे हैं तो स्फटिक की माला का उपयोग करना चाहिए। लक्ष्मी मंत्रों का जाप करने में भी स्फटिक की माला प्रयोग में लाई जाना चाहिए। स्फटिक की माला पहनने से व्यक्ति के आकर्षण प्रभाव में वृद्धि होने लगती है और वह शीघ्र ही सभी का प्रिय बन जाता है।
तुलसी की माला : वैष्णव पंथ का अनुसरण करने वाले व्यक्ति मंत्र जप में तुलसी की माला का उपयोग करते हैं। तुलसी भगवान विष्णु की प्रिय है इसलिए इसकी माला से विष्णु, कृष्ण मंत्र का जप शीघ्र फलदायी होता है। तुलसी की माला धारण करने से व्यक्ति सात्विक बनता है। उसके भीतर की अनैतिक प्रवृत्तियों का नाश होता है और वह अध्यात्म में उच्च शिखर छू सकता है।
चंदन की माला : चंदन की माला दो तरह की होती है। श्वेत चंदन और रक्त चंदन। दोनों ही प्रकार की माला से मंत्र जप किया जा सकता है, लेकिन जिन लोगों को मंगल ग्रह से जनित पीड़ा हो रही हो उन्हें लाल चंदन की माला से मंत्र जप करना चाहिए। भौतिक वस्तुओं की प्राप्ति और मोक्ष के लिए भी रक्त चंदन की माला का उपयोग किया जाता है। चंदन की माला धारण करने से व्यक्ति का मंगल ग्रह मजबूत होता है और उसकी तरक्की होने लगती है।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/माला" से प्राप्त