"लेव तोलस्तोय": अवतरणों में अंतर

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== जीवन वृत्त ==
'''लेव निकोलायेविच तोलस्तोय''' का जन्म [[मास्को]] से लगभग 100 मील दक्षिण पैत्रिक रियासत '''यास्नाया पोल्याना''' में हुआ था। इनकी माता पिता का देहांत इनके बचपन में ही हो गया था, अत: लालन पालन इनकी चाची तत्याना ने किया। उच्चवर्गीय ताल्लुकेदारों की भॉति इनकी शिक्षा के दीक्षा के लिये सुदक्ष विद्वान् नियुक्त थे। घुड़सवारी, शिकार, नाच-गान, ताश के खेल आदि विद्याओं और कलाओं की शिक्षा इन्हें बचपन में ही मिल चुकी थी। चाची तात्याना इन्हें आदर्श ताल्लुकेदारों बनाना चाहती थी और इसी उद्देश्य से, तत्मालीनतत्कालीन संभ्रात समाज की किसी महिला को प्रेमपात्री बनाने के लिये उसकायाउकसाया करती थीं। युवावस्था में तॉलस्तॉय पर इसका अनुकूल प्रभाव ही पड़ा। पर तॉलस्तॉय का अंत:करण इसे उचित नहीं समझता था। अपनी डायरी में उन्होंने इसकी स्पष्ट भर्त्सना की है।
 
1844 में तॉलस्तॉय कज़ान विश्वविद्यालय में प्रविष्ट हुए और 1847 तक उन्होनें पौर्वात्य भाषाओं (eastern languages) और विधिसंहिताओं (कानून) का अध्ययन किया। रियासत के बँटवारे का प्रश्न उपस्थित हो जाने के कारण स्नातक हुए बिना ही इन्हे विश्वविद्यालय छोड़ देना पड़ा। रियासत में आकर इन्होंने अपने कृषक असामियों की दशा में सुधार करने के प्रयत्न किए और सुविधापूर्वक उन्हें स्वतंत्र भूस्वामी हो जाने के लिये कतिपय शर्तें उपस्थित कीं, परंतु असामी वर्ग आसन्न स्वतंत्रता की अफवाहों से प्रभावित था, अत: उसने तॉलस्तॉय की शर्ते ठुकरा दीं। पर यह अफवाह अफवाह ही रही और अंतत: कृषकों को पश्चाताप करना ही हाथ लगा। उनकी कहानी "ए लैंड औनर्स मोर्निग" (1856) इसी घटना पर आधृत है।