"वृत्त": अवतरणों में अंतर

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{| class="wikitable" border="1" bgcolor="#ffffff" cellpadding="5" align="right" style="margin-left:10px" width="250" class="wikitable"
! bgcolorcolspan="#e7dcc32" colspanbgcolor="2#e7dcc3" |वृत्त
|-
| colspan="2" |[[File:वृत्त.svg|250px]]
|-
| bgcolor="#e7dcc3" |तल
| द्विविमीय
| द्विमितीय
|-
| bgcolor="#e7dcc3" |अर्थ
| केंद्र से समान दूर होनेवालेहोने वाले बिंदुओं का समुदाय
|-
| bgcolor="#e7dcc3" |व्यास
| केंद्र से जानेवालेहोकर ज्याजाने वाली जीवा
|-
| bgcolor="#e7dcc3" |वयसार्थत्रिज्या
| अर्द्धव्यास
| अधा व्यास
|-
| bgcolor="#e7dcc3" |अंग्रेजी में
| circle
|-
| bgcolor="#e7dcc3" |परिधि
| परिधि = π(व्य्सास) x व्यास
|- वृत्त का परिधि="2πr"
|}
[[Image:CIRCLE LINES.svg|right|thumb| ज्या (Chord), स्पर्श रेखा (tangent), छेदन रेखा (secant), व्यासार्थ (radius) ऑर व्यास (diameter)]]
किसी एक निश्चित बिंदु से समान दूरी पर स्थित बिंदुओं का [[बिन्दुपथ]] '''वृत्त''' कहलाता है। यह निश्चित बिंदु, वृत्त का [['''केंद्र]]''' कहलाता है, केंद्र और वृत्त की परिधि के किसी भी बिन्दु के बीच की दूरी वृत्त की [[त्रिज्या]] कहलाती है।
[[Image:Circle slices.svg|right|thumb| चाप (Arc), सेक्टर (sector), और वृत्तखंड (segment)]]
किसी एक निश्चित बिंदु से समान दूरी पर स्थित बिंदुओं का [[बिन्दुपथ]] '''वृत्त''' कहलाता है। यह निश्चित बिंदु, वृत्त का [[केंद्र]] कहलाता है, केंद्र और वृत्त की परिधि के किसी भी बिन्दु के बीच की दूरी वृत्त की [[त्रिज्या]] कहलाती है।
 
वृत्त एक प्रकार का [[शांकव]] होता है जिसकी उत्केंद्रता (इसेन्ट्रिसिटीEccentricity) [[शून्य]] होती है अर्थात [[नियता]] समतल में [[अनंत]] पर स्थित होती है। एक वृत्त को एक विशेष प्रकार के [[दीर्घवृत्त]] के रूप में भी परिभाषित किया जा सकता है जिसमें दोनों नाभियाँ संपाती होती हैं और उत्केन्द्रता 0 होती है।
 
== यूक्लिड की परिभाषा ==
एक वृत्त एक रेखा से घिरा हुआ एकविमीय समतल होता है और किसी निश्चित बिंदु से लेकर उस बंधरेखा तक खींची गई सभी रेखाएं बराबर होती हैं। इस बंधरेखा को परिधि और इस निश्चित बिंदु को वृत्त का केंद्र कहते हैं।
 
== प्रमुख गुण ==
 
# वृत्त के व्यास द्वारा परिधि के किसी भी बिंदु पर अंतरित कोण ९०समकोण (90 अंश) होता है।
# [[जीवा]] पर केन्द्र से डाला गया लम्ब उस जीवा का समद्विभाजक भी होता है।
# [[चक्रीय चतुर्भुज]] के सम्मुख कोणों का योग 180 अंश होता है।
# किसी बाह्य बिदु से वृत्त पर दो स्पर्शरेखाएँ खिंची जा सकतीं हैं। ये दोनों स्पर्शरेखाएँ समान लम्बाई की होतींहोती हैं।
 
===वृत्त की जीवा के गुण===
 
*केंद्र से होकर जाने वाली जीवा उस वृत्त की सबसे बड़ी जीवा होती है। इसे '[[व्यास (ज्यामिति)|व्यास]]' (डायामीटरDiameter) कहते हैं।
*किसी वृत्त का व्यास उस वृत्त को दो सामान भागों में विभक्त करता है।
*व्यास, त्रिज्या का दोगुना होता है। '''व्यास = 2 (त्रिज्या)'''
*किसी वृत्त में सामानकेंद्र से समान दूरी पर खींची गयी जीवाओं की लंबाई सामान होती है।
*किसी वृत्त में सामान लंबाई की जीवाएं केंद्र से सामान दूरी पर होती हैं।
 
== छेदनछेदक रेखा==
वृत्त परकी किसीपरिधि को दो बिंदुओंबिन्दुओं सेपर जानेप्रतिच्छेद करने वाली रेखा को छेदनउस वृत्त की '''छेदक रेखा''' कहते हैं।
 
== स्पर्श रेखा ==
वृत्त की परिधि को किसी एक बिन्दु पर स्पर्श करने वाली रेखा को उस वृत्त की '''स्पर्श रेखा (Tangent)''' कहते हैं।
[[श्रेणी:ज्यामिति]]
[[श्रेणी:प्राथमिक आकार]]
"https://hi.wikipedia.org/wiki/वृत्त" से प्राप्त