"आर के नारायण": अवतरणों में अंतर

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द डार्क रूम 1938 में सावित्री नामक एक ऐसी परंपरागत नारी की कथा है जो समस्त कष्टों को मौन रहकर सहन करती है। उसका पति दूसरी कामकाजी महिला की ओर आकर्षित होता है और इस बात से आहत होने के बावजूद अंततः सावित्री सामंजस्य स्थापित करके ही रहती है।
 
स्वतंत्रता से पहले लेखक का अंतिम उपन्यास द इंग्लिश टीचर 1946 में प्रकाशित हुआ। यह उपन्यास अमेरिका में 'ग्रेटफुल टु लाइफ एंड डेथ' शीर्षक से प्रकाशित हुआ था। इसमें लेखक ने एक ऐसी कहानी चुनी है जिस के बाद का अंश अविश्वसनीय हो गया है। कहानी के आरंभ में घर और घर की लक्ष्मी अर्थात पत्नी के प्रति प्रेम पूर्ण व्यवहार का उत्तम निदर्शन है, लेकिन कहानी के उत्तरांश में उस पत्नी के निधन हो जाने के बाद उसकी आत्मा से संपर्क स्थापित कर लेने की बातें आयी हैं, जो कि रचनात्मक स्तर पर अविश्वसनीय सी लगती है।
 
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