"पत्थर के फूल": अवतरणों में अंतर

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| image =पत्थर के फूल.jpg
| caption = '''पत्थर के फूल''' का पोस्टर
| producer = [[जी. पी. सिप्पी]]
| director = [[अनंत बालानी]]
| music = [[रामलक्ष्मण]]
| music =
| writer = [[सलीम ख़ान]]
| starring = [[सलमान ख़ान]], <br />[[रवीना टंडन]], <br />[[किरन कुमार]], <br />[[मनोहर सिंह]], <br />[[रीमा लागू]], <br />[[गोगा कपूर]], <br />[[विनोद मेहरा]], <br />[[विवेक बासवानी]], <br />[[दिनेश हिंगू]], <br />प्रदीप सिंह रावत, <br />[[दीप ढिल्लों]], <br />
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| budget =
}}
'''पत्थर के फूल''' 1991 की [[अनंत बालानी]] द्वारा निर्देशित हिन्दी भाषा की फिल्म है। [[सलमान खान]] इसमें अंडरवर्ल्ड गिरोह से लड़ने वाले पुलिस अधिकारी का किरदार निभाते हैं। [[रवीना टंडन]] (उनकी पहली फिल्म) प्रमुख महिला भूमिका निभाती हैं। जबकि [[विनोद मेहरा]], [[किरण कुमार]], [[रीमा लागू]] और [[मनोहर सिंह]] सहायक भूमिकाओं में शामिल हैं।
'''पत्थर के फूल''' 1991 में बनी [[हिन्दी भाषा]] की फिल्म है।
== संक्षेप ==
सूरज इंस्पेक्टर विजय वर्मा ([[विनोद मेहरा]]) और उनकी पत्नी मीरा ([[रीमा लागू]]) का पुत्र है। एक दिन, सूरज किरण ([[रवीना टंडन]]) नाम की एक लड़की से मिलता है। सभी के लिए अज्ञात, किरण अंडरवर्ल्ड गिरोह के राजा बलराज खन्ना की पुत्री है। बलराज ने अपनी सच्चाई को दुनिया और अपनी बेटी से एक रहस्य रखा है। इस बीच विजय, बलराज के गिरोह का मामले सौंपा गया। एक ही कॉलेज में शामिल होने से, सूरज और किरण प्यार में पड़ते हैं। चूंकि विजय गिरोह में गहरा और गहराई से जांच करता है, गिरोह के सदस्य, विशेष रूप से गोगा ([[गोगा कपूर]]), सकते में जाते हैं।
== चरित्र ==
 
बलराज इस तथ्य से परेशान हैं कि उसकी बेटी विजय के बेटे के प्यार में पड़ गई है। विजय को भी आभास हो जाता है कि बलराज गिरोह का नेता है। इसलिए, जब विजय अपने बेटे और किरण के बीच संबंध के बारे में जानता है, तो वह उनके प्यार को रोकता है। इस मामले में सूरज के उसके पिता के साथ मतभेद है। जैसे सूरज अपनी मां को अपनी भावनाएँ बताता है। मीरा भी उसके लिए एक रहस्य प्रकट करती है: सूरज विजय का जैविक पुत्र नहीं है।
 
मीरा उसे बताती है कि उसका असली पिता, उसका पति इंस्पेक्टर और विजय का मित्र था। मीरा सूरज के साथ गर्भवति थी, जब सुरज के पिता की हत्या हुई थी। रामसिंह गुप्ती ([[दीप ढिल्लों]]) नामक एक गुंडे ने उनकी हत्या की थी। उनकी मृत्यु के बाद, विजय ने मीरा को अपने घर ले लिया और बाद में उससे विवाह किया जब लोगों ने मीरा के चरित्र के बारे में बात करना शुरू कर दिया।
== मुख्य कलाकार ==
* [[सलमान ख़ान]] - सूरज वर्मा
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* [[किरन कुमार]] - करीम ख़ान
* [[मनोहर सिंह]] - बलराज खन्ना
* [[रीमा लागू]]<ref>{{cite news|title=बॅालीवुड फिल्मों की जानदार मदर्स, इन फिल्मों से मिली जबरदस्त सराहना|url=https://www.patrika.com/bollywood-news/top-5-bollywood-mothers-in-movies-2796318/|accessdate=25 मई 2018|work=पत्रिका|date=14 मई 2018|language=hi-IN}}</ref> - मीरा वर्मा
* [[रीमा लागू]]
* [[विनोद मेहरा]] - इंस्पेक्टर विजय वर्मा
* [[गोगा कपूर]]
* [[विनोद मेहरा]]
* [[विवेक बासवानी]]
* [[दिनेश हिंगू]]
* प्रदीप सिंह रावत
* [[दीप ढिल्लों]]
 
== दल ==
== संगीत ==
संगीत [[रामलक्ष्मण]] द्वारा दिया गया है।
== रोचक तथ्य ==
{| border="10" cellpadding="10" cellspacing="0" style="margin: 1em 1em 1em 0; background: #f9f9f9; border: 1px #aaa solid; border-collapse: collapse; font-size: 95%;"
|- style="background:#3366bb; text-align:center;"
! # !! गीत !! गायक!! अवधि
|-
| 1
| "कभी तू छलिया लगता है"
| [[लता मंगेशकर]], [[एस पी बालासुब्रमण्यम]]
| 6:55
|-
| 2
| "मौत से क्या डरना"
| एस पी बालसुब्रमण्यम / लता मंगेशकर
| 6:14
|-
| 3
| "औन दिलरुबा"
| एस पी बालसुब्रमण्यम
| 6:11
|-
| 4
| "आजा आजा आजा"
| लता मंगेशकर
| 6:18
|-
| 5
| "ना जा ना जा"
| एस पी बालसुब्रमण्यम
| 6:18
|-
| 6
| "तुमसे जो देखते ही प्यार हुआ"
| लता मंगेशकर, एस पी बालसुब्रमण्यम
| 5:47
|-
| 7
| "दीवाना दिल बिन सजना के मानेना"
| लता मंगेशकर, एस पी बालसुब्रमण्यम
| 7:30
|-
| 8
| "सजना तेरे बिन क्या जीना"
| लता मंगेशकर, एस पी बालसुब्रमण्यम
| 6:02
|-
| 9
| "जब भी मिलो"
| [[अमित कुमार]]
| 6:50
|}
 
== परिणाम ==
विनोद मेहरा इस फिल्म की रिलीज से पहले गुजर गए थे। उनकी आवाज [[सचिन खेडेकर]] द्वारा डब की गई।
=== बौक्स ऑफिस ===
=== समीक्षाएँ ===
== नामांकन और पुरस्कार ==
रवीना टंडन ने इस फिल्म के लिये [[फ़िल्मफ़ेयर महिला प्रथम अभिनय पुरस्कार]] ने अर्जित किया था।
 
==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}
 
== बाहरी कड़ियाँ ==