"सुश्रुत": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Rakesh Kamti (वार्ता | योगदान) →परिचय: छोटा सा सुधार किया। टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन |
Rakesh Kamti (वार्ता | योगदान) →बाहरी कड़ियाँ: कड़ियाँ लगाई टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन |
||
पंक्ति 61:
सुश्रुत संहिता में शल्य चिकित्सा के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझाया गया है। शल्य क्रिया के लिए सुश्रुत 125 तरह के उपकरणों का प्रयोग करते थे। ये उपकरण शल्य क्रिया की जटिलता को देखते हुए खोजे गए थे। इन उपकरणों में विशेष प्रकार के चाकू, सुइयां, चिमटियां आदि हैं। सुश्रुत ने 300 प्रकार की ऑपरेशन प्रक्रियाओं की खोज की। सुश्रुत ने [[कॉस्मेटिक सर्जरी]] में विशेष निपुणता हासिल कर ली थी। सुश्रुत नेत्र शल्य चिकित्सा भी करते थे। सुश्रुतसंहिता में [[मोतियाबिंद]] के ओपरेशन करने की विधि को विस्तार से बताया गया है। उन्हें शल्य क्रिया द्वारा [[प्रसूति|प्रसव]] कराने का भी ज्ञान था। सुश्रुत को टूटी हुई हड्डियों का पता लगाने और उनको जोडऩे में विशेषज्ञता प्राप्त थी। शल्य क्रिया के दौरान होने वाले दर्द को कम करने के लिए वे मद्यपान या विशेष औषधियां देते थे। मद्य [[संज्ञाहरण]] का कार्य करता था। इसलिए सुश्रुत को [[संज्ञाहरण]] का पितामह भी कहा जाता है। इसके अतिरिक्त सुश्रुत को [[मधुमेह]] व मोटापे के रोग की भी विशेष जानकारी थी। सुश्रुत श्रेष्ठ शल्य चिकित्सक होने के साथ-साथ श्रेष्ठ शिक्षक भी थे। उन्होंने अपने शिष्यों को शल्य चिकित्सा के सिद्धांत बताये और शल्य क्रिया का अभ्यास कराया। प्रारंभिक अवस्था में शल्य क्रिया के अभ्यास के लिए फलों, सब्जियों और मोम के पुतलों का उपयोग करते थे। मानव शारीर की अंदरूनी रचना को समझाने के लिए सुश्रुत शव के ऊपर शल्य क्रिया करके अपने शिष्यों को समझाते थे। सुश्रुत ने शल्य चिकित्सा में अद्भुत कौशल अर्जित किया तथा इसका ज्ञान अन्य लोगों को कराया। इन्होंने शल्य चिकित्सा के साथ-साथ आयुर्वेद के अन्य पक्षों जैसे शरीर सरंचना, काय चिकित्सा, बाल रोग, स्त्री रोग, मनोरोग आदि की जानकारी भी दी।
आयुर्वेद == बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://chestofbooks.com/health/india/Sushruta-Samhita/index.html सुश्रुत संहिता]
{{भारतीय विज्ञान}}
==सन्दर्भ==
|