"आलवार सन्त": अवतरणों में अंतर

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'''आलवार''' ([[तमिल]] : ஆழ்வார்கள்) ([aːɻʋaːr] ; अर्थ : ‘भगवान में डुबा हुआ' <ref>[http://www.ramanuja.org/sv/alvars/ "Meaning of Alvar"] ramanuja.org. Retrieved 2007-07-02.</ref>) [[तमिल]] कवि एवं सन्त थे। इनका काल ६ठी से ९वीं शताब्दी के बीच रहा। उनके पदों का संग्रह "''[[दिव्यनलियरादिव्य प्रबन्ध]]''" कहलाता है जो '[[वेद|वेदों]]' के तुल्य माना जाता है। आलवार सन्त [[भक्ति आन्दोलन]] के जन्मदाता माने जाते हैं।
 
[[विष्णु]] या [[नारायण]] की उपासना करनेवाले भक्त 'आलवार' कहलाते हैं। इनकी संख्या 12 हैं। उनके नाम इस प्रकार है -