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'''कभी हाँ कभी ना''' 1994 की [[कुंदन शाह]] द्वारा निर्देशित हिन्दी भाषा की [[कॉमेडी फ़िल्म|हास्य फिल्म]] है। [[शाहरुख खान]], [[सुचित्रा कृष्णमूर्ति]] और [[दीपक तिजोरी]] मुख्य अभिनेता हैं। इसे व्यापक रूप से शाहरुख खान के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक माना जाता है। शाहरुख खान ने अपने बैनर [[रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट]] के तहत फिल्म के अधिकार खरीदे हैं।
'''कभी हाँ कभी ना''' 1993 में बनी [[हिन्दी भाषा]] की फिल्म है।
== संक्षेप ==
फिल्म का नायक सुनील ([[शाहरुख खान]]) जो बचपन से अपनी दोस्त आना ([[सुचित्रा कृष्णमूर्ति]]) से बहुत प्यार करता है पर आना उसे सिर्फ सच्चा दोस्त समझती हैहै।
 
जैसा कि फिल्म का नाम है कभी हां कभी ना जो फिल्म के नायक शाहरुख़ खान के चरित्र जैसा सोचने पे मजबूर करता है जिसे शाहरुख़ खान ने बखूबी निभाया है और एक लापरवाह लड़के में सच्चे आशिक का चरित्र फिल्म में दिखाया गया है।
 
== चरित्र ==
 
फिल्म का नायक सुनील जो बचपन से अपनी दोस्त आना से बहुत प्यार करता है पर आना उसे सिर्फ सच्चा दोस्त समझती है
हांलाकि सुनील अपने प्यार का इज़हार कर चुका है पर आना को लगता है सुनील कभी गंभीर नहीं हो सकता क्योंकि वो एक
जिंदादिल से जीने वाला इंसान हैहै। उसे संगीत बहुत पसंद है और वह अपने दोस्तों के साथ एक बैंड में काम करता हैहै। उसके बाकी सभी दोस्त भी जानते हैं सुनील झूठा और लापरवाह इंसान है फिर भी उससे सभी प्यार करते हैंहैं। सुनील को जब लगता है आना और क्रिस ([[दीपक तिजोरी]]) एक दूसरे के करीब आ रहे हैंहैं। तो वो दोनों तरफ से झूठी अफवाह फैलाता है ताकि दोनों के बिचबीच ग़लतफ़हमी हो और आना सिर्फ सुनील से प्यार करे हांलाकि सुनील कोई गलत काम नहीं करना चाहता पर शायद यही पर उससे एक बड़ी भूल हो जाती हैहै। वो क्रिस को आना के बारे में ऐसी बात बोल जाता है जो उसे नहीं बोलनी चाहिए थीथी। पर क्रिस को ये पता चल जाता है कि सुनील झूठ बोल रहा था और आना को भी ये बात बता देता है आना सुनील से नाराज हो जाती हैहै। यहाँ तक की बैंड के सारे दोस्त भी,भी। सुनील सबको मनाने की कोशिश करता है पर नाकामी हाथ लगती हैहै। सुनील की दोस्ती तब फिर से शुरू होती है जब सुनील अपने बैंड के दोस्तों को होटल में अपने बैंड में दोस्तों को खतरे में देखता हैहै। सुनील जो कई सालों से पेपर में फेल होता था जब वो इस साल भी फेल होता है तब कहानी में मोड़ आतीआता है और तब आना को भी एहसास होता है सुनील उसे बेहद प्यार करता हैहै। इधर क्रिस की शादी की बात किसी और से चल रही होती है तो आना जज्बाती होकर सुनील से शादी करने जाती हैहै। पर सुनील तो अपना जिन्दादिली इंसान है भाई और अंत में वो ही करता है जो आना चाहती हैहै। परइसलिये सुनीलवो अन्दरउसकी सेशादी कितना दुखी है और किस तरहक्रिस से दुखीकरा होतादेता हैहै। और उसके जज्बात को जाननेशादी के लिएठीक आपकोबाद, सुनील कीफुटपाथ तरफपर होकरनिराश फिल्मबैठा देखनाहोता पड़ेगा,है। तभीअचानक शायदएक सुनीललड़की अपने([[जूही आनेचावला]]), वालेजो फिल्मोरास्ता मेंखो जूहीचुकी चावलाहै केऔर साथदिशा-निर्देश काममांग करतारही है, औरसुनील अपनेसे प्यारसंपर्क कोकरती हासिल करता हैहै।
 
== मुख्य कलाकार ==
* [[शाहरुख़ ख़ान]] - सुनील
* [[सुचित्रा कृष्णमूर्ति]] - आना
* [[दीपक तिजोरी]] - क्रिस
* [[रीटा भादुड़ी]]
* [[आशुतोष गोवरिकर]] - इमरान
* [[सतीश शाह]]
* [[कुरुष देबू]] - यज़्दी, सुनील का दोस्त
* [[नसीरुद्दीन शाह]] - पादरी
* [[रीटा भादुड़ी]] - मैरी गोंजाल्विस
* [[सतीश शाह]] - आना का पिता
* [[अंजान श्रीवास्तव]] - विनायक
* [[गोगा कपूर]] - एंथनी गोम्स
* [[टीकू तलसानिया]] - पटेल
* [[रवि बासवानी]] - अल्बर्ट गोंजाल्विस
* [[विरेन्द्र सक्सेना]] - वास्को
* [[नसीरुद्दीन शाह]]
* [[आदित्य लखिया]] - टॉनी
* [[जूही चावला]] - अतिथि भूमिका
 
* [[कुरुष देबू]]
* [[आदित्य लखिया]]
== दल ==
== संगीत ==
फ़िल्म का संगीत [[जतिन-ललित]] द्वारा दिया गया है और बोल [[मजरुह सुल्तानपुरी]] द्वारा दिये गए हैं।
फिल्म का संगीत बहुत ही माधुर्य है और नायक सुनील के जज्बातों के लिए जतिन ललित की जोड़ी ने बहुत अच्छी तरह से धुन
{{Track listing
बनाई है
| extra_column = गायक
| title1 = ऐ काश के हम होश| मेंextra1 अब= [[कुमार सानु]] | length1 = कुमार सानु 05:10
२.| title2 = आना मेरे प्यार को तुम | extra2 = [[कुमार सानु]] & [[अलका कुमारयाज्ञनिक]] सानु,| अल्काlength2 याज्ञनिक= 03:59
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३.सच्ची ये कहानी है उदित नारायण अमित कुमार विजेता पंडित
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}}
 
== रोचक तथ्य ==
== परिणाम ==
=== बौक्स ऑफिस ===
बॉक्स ऑफिस पे फिल्म बुरी तरह पिटी थी परा फिल्म का कारोबार ठीक था
 
बॉक्स ऑफिस पे फिल्म बुरी तरह पिटी थी परा फिल्म का कारोबार ठीक था
 
=== समीक्षाएँ ===
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* {{imdb title|0110222|कभी हाँ कभी ना}}
 
[[श्रेणी:19931994 में बनी हिन्दी फ़िल्म]]