"शरीरक्रिया विज्ञान": अवतरणों में अंतर
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'''शरीरक्रियाविज्ञान''' या '''कार्यिकी''' (Physiology/फ़िज़ियॉलोजी) के अंतर्गत [[प्राणी|प्राणियों]] से संबंधित प्राकृतिक घटनाओं का अध्ययन और उनका वर्गीकरण किया जाता है, साथ ही घटनाओं का अनुक्रम और सापेक्षिक महत्व के साथ प्रत्येक कार्य के उपयुक्त अंगनिर्धारण और उन अवस्थाओं का अध्ययन किया जाता है जिनसे प्रत्येक क्रिया निर्धारित होती है।
शरीरक्रियाविज्ञान [[चिकित्सा विज्ञान]] की वह शाखा है जिसमें शरीर में सम्पन्न होने वाली क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। इसके अन्तर्गत मनुष्य या किसी अन्य प्राणी/पादप के शरीर में मौजूद भिन्न-भिन्न [[अंग|अंगों]] एवं [[अंग तंत्र|तन्त्रों]] (Systems) के कार्यों और उन कार्यों के होने के कारणों के साथ-साथ उनसे सम्बन्धित चिकित्सा विज्ञान के नियमों का भी ज्ञान दिया जाता है। उदाहरण के लिए [[कान]] सुनने का कार्य करते है और [[नेत्र|आंखें]] देखने का कार्य करती हैं लेकिन शरीर-क्रिया विज्ञान सुनने और देखने के सम्बन्ध में यह ज्ञान कराती है कि [[ध्वनि]] कान के पर्दे पर किस प्रकार पहुँचती है और प्रकाश की किरणें आंखों के लेंसों पर पड़ते हुए किस प्रकार वस्तु की छवि मस्तिष्क तक पहुँचती है। इसी प्रकार, मनुष्य जो भोजन करता है, उसका [[पाचन]] किस प्रकार होता है, पाचन के अन्त में उसका आंतों की भित्तियों से अवशोषण किस प्रकार होता
== मूल प्राकृतिक घटनाएँ ==
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