"शिवलिंग": अवतरणों में अंतर
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ब्रह्मांड में उपस्थित समस्त ठोस तथा उर्जा शिवलिंग में निहित है। वास्तव में शिवलिंग हमारे ब्रह्मांड की आकृति है।
अब जरा [[आईंसटीन]] का सूत्र देखिये जिस के आधार पर परमाणु बम बनाया गया, परमाणु के अन्दर छिपी अनंत ऊर्जा की एक झलक दिखाई जो कितनी विध्वंसक थी सब जानते हैं।
रासमणि की उत्त्पत्ति - रासमणि की उत्तपत्ति हिमालय पर्वत पर मिलने वाले रुद्रावृक्ष के रस और भगवान शिव के वीर्य से बनाया गया था, जिसे विश्वकर्मा जी ने अपने हाथों से बनाया है, यह काफी दुर्लभ और अमूल्य शिवलिंग है। रसशास्त्र में इसका खाश तरह से वर्णन किया गया है।
इसके अनुसार पदार्थ को पूर्णतयः ऊर्जा में बदला जा सकता है अर्थात दो नहीं एक ही है पर वो दो हो कर स्रष्टि का निर्माण करता है। हमारे ऋषियो ने ये रहस्य हजारो साल पहले ही ख़ोज लिया था।
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