"शिवलिंग": अवतरणों में अंतर

शिव. लिगं से सभी आत्माओ का जन्म हुआ है
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[[चित्र:Shiv lingam Tripundra.jpg|पाठ=शिवलिंग|अंगूठाकार|त्रिपुण्ड्र लगाया हुआ शिवलिंग]]
'''शिवलिंग''' का अर्थ है '[[शिव]] का प्रतीक'<ref>Johnson, W.J. (2009). [http://www.oxfordreference.com/view/10.1093/acref/9780198610250.001.0001/acref-9780198610250-e-1458 A dictionary of Hinduism] (1st ed.). Oxford: Oxford University Press. ISBN 9780191726705. Retrieved 5 January 2016. (Subscription required (help)).(subscription or UK public library membership required)</ref> जो मन्दिरों एवं छोटे पूजस्थलों में पूजा जाता है। इसे केवल ' शिव लिंगम' भी कहते हैं। भारतीय समाज में शिवलिंगम को शिव की ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक माना जाता है।<ref>Sivananda (1996). [http://www.dlshq.org/download/lordsiva.htm Lord Siva and His Worship]. Worship of Siva Linga: The Divine Life Trust Society. ISBN 81-7052-025-8 </ref> लिंग को प्रायः 'योनि' (शाब्दिक अर्थ= 'घर' या 'मूल' <ref>[https://sa.wiktionary.org/wiki/%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%A8%E0%A4%BF "Sanskrit Wiktionary for Yoni"]. Sanskrit Wiktionary. Retrieved 17 August 2017.</ref>) के ऊपर आधारित दर्शाया जाहैहै।जाता है।
 
'लिंग' का अर्थ है 'सम्पूर्ण ब्ररम्माड शिव लीगं से ही सभी आत्माओ जन्म हूुआ है चिन्ह'। जैसे 'स्त्रीलिंग' का अर्थ है कोई ऐसी वस्तु जो स्त्रीरूप में कल्पित की जा सके। अब वह एक वास्तविक महिला भी हो सकती है या कोई ऐसी वस्तु जो स्त्री रूप में सोची जा सके। उदाहरण के लिए, नदी, लता आदि। इसी तरह पुल्लिंग उसे कहते हैं जो पुरुष के प्रतीक रूप में माना जा सके, जैसे आदमी, पहाड़, वृक्ष आदि। इसी प्रकार जो शिव के प्रतीक रूप में माना जा सके, वही शिवलिंग है (अर्थात कुछ ऐसा जिसके प्रति हम सभी के कल्याण की हमारी शुभभावनाओं को जोड़ सकें।) <ref>[http://agniveer.com/shivling-me-ashlilta/ क्या लिंग अश्लील है?]</ref>
शिव
 
'लिंग' का अर्थ है 'सम्पूर्ण ब्ररम्माड शिव लीगं से ही सभी आत्माओ जन्म हूुआ है 'स्त्रीलिंग' का अर्थ है कोई ऐसी वस्तु जो स्त्रीरूप में कल्पित की जा सके। अब वह एक वास्तविक महिला भी हो सकती है या कोई ऐसी वस्तु जो स्त्री रूप में सोची जा सके। उदाहरण के लिए, नदी, लता आदि। इसी तरह पुल्लिंग उसे कहते हैं जो पुरुष के प्रतीक रूप में माना जा सके, जैसे आदमी, पहाड़, वृक्ष आदि। इसी प्रकार जो शिव के प्रतीक रूप में माना जा सके, वही शिवलिंग है (अर्थात कुछ ऐसा जिसके प्रति हम सभी के कल्याण की हमारी शुभभावनाओं को जोड़ सकें।) <ref>[http://agniveer.com/shivling-me-ashlilta/ क्या लिंग अश्लील है?]</ref>
 
[[वेद|वेदों]] में अनेक जगह परमात्मा को एक ऐसे 'स्तम्भ' के रूप में देखा गया है जो समस्त सात्विक गुणों, शुभ वृत्तियों का आधार है। वही मृत्यु और अमरता, साधारण और महानता के बीच की कड़ी है। यही कारण है कि हिंदू मंदिरों और हिन्दू स्थापत्य कला में स्तम्भ या खंभे प्रचुर मात्रा में देखे जाते हैं। इसके अतिरिक्त, [[योग]] साधना भी अग्नि की लौ पर ध्यान केंद्रित करने का अभ्यास करने को कहती है, जो स्वयं शिवलिंगाकार है। इसका भी स्पष्ट आधार वेदों में मिलता है। शिवलिंग और कुछ नहीं ऐसा लौकिक स्तंभ ही है जिस पर हम (अग्नि की लौ की तरह) ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और हमारी कल्याणकारी भावनाओं को उससे जोड़ सकते हैं। यही कारण है कि शिवलिंग को 'ज्योतिर्लिंग' भी कहा जाता है। ज्योति वह है जो आपके अंदर के अंधकार को दूर करके प्रकाश फैला दे। आत्मज्ञान का वह पथ जो अलौकिक दिव्य प्रतिभा की ओर ले जाता है। (आदित्यवर्णं तमसः परस्तात् – प्रकाश से पूर्ण, अज्ञान अंधकार तम से हीन)<ref>[http://agniveer.com/shivling-me-ashlilta/ शिवलिंग में अश्लीलता? हकीकत जानें !]</ref>