"अरस्तु": अवतरणों में अंतर

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एलेक्सेंडर की अचानक मृत्यु पर मकदूनिया के विरोध के स्वर उठ खड़े हुए। उन पर नास्तिकता का भी आरोप लगाया गया। वो दंड से बचने के लिये चल्सिस चले गये और वहीं पर एलेक्सेंडर की मौत के एक साल बाद 62 वर्ष की उम्र में उनकी मृत्यु हो गयी। इस तरह अरस्तु महान दार्शनिक [[प्लेटो]] के शिष्य और [[सिकंदर महान|सिकन्दर]] के गुरु बनकर इतिहास के पन्नो में महान दार्शनिक के रूप में अमर हो गये।
 
==कृतियां==
==कृतिया==
अरस्तु ने कई ग्रथों की रचना की थी , लेकिन इनमेइनमें से कुछ ही अब तक सुरक्षित रह पाये हैं। सुरक्षित लेखेलेखों की सूची इस प्रकार है।
 
अरस्तु के प्रसिद्ध ग्रंथ का नाम ' '''पेरिपोइएतिकेस''' ' है |