"दरभंगा": अवतरणों में अंतर

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छो केंद्र सरकार ने देश के अंदर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्वदेश दर्शन योजना के तहत विकसित हो रहे रामायण सर्किट विकसित करने का निर्णय लिया है। दरभंगा जिले का अहिल्यास्थान इस सर्किट का हिस्सा है।
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समस्तीपुर-खगडिया रेललाईन पर हसनपुर रोड से २२ किलोमीटर दूर कुशेश्वर स्थान में रामायण काल का शिव मंदिर है। यह स्थान अति पवित्र माना जाता है। कुशेश्वर स्थान, घनश्यामपुर एवं बेरौल प्रखंड में 7019 एकड जलप्लावित क्षेत्र को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया है। विशेष पारिस्थिकी वाले इस भूक्षेत्र में स्थानीय, साईबेरियाई तथा नेपाल, भूटान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों से आनेवाले पक्षियों की अच्छी तादाद दिखाई देती है। ललसर, दिघौच, माइल, नकटा, गैरी, गगन, अधानी, हरियल, चाहा, करन, रतवा, गैबर जैसे पक्षी यहाँ देखे जा सकते हैं। पक्षियों के अवैध शिकार के कारण इनकी तादाद अब काफी कम हो चुकी है। साथ ही अब तो कई प्रजातियाँ विलुप्ति के कगार पर है। लोगो में अभी भी पूरी जागरूकता नहीं आ पायी है और लोग इन्हें भोजन के पौष्टिक और स्वादिष्ट स्रोत जो ठण्ड के मौसम में उन्हें उपलब्ध होते है के रूप में देखते है। लोगो के इसी रवैये के परिणाम स्वरुप परियावारण पर परिवर्तन आ रहे है। अब इनकी संख्या काफी कम हो चुकी है।
* '''अहिल्यास्थान एवं गौतमस्थान''':
जाले प्रखंड में कमतौल रेलवे स्टेशन से ३ किलोमीटर दक्षिण अहिल्यास्थान स्थित है। अयोध्या जाने के क्रम में भगवान [[श्रीराम]] ने पत्थर बनी शापग्रस्त अहिल्या का उद्धार इस स्थान पर किया था। यहाँ प्रतिवर्ष रामनवमी (चैत्र) एवं विवाह पंचमी (अगहन) को मेला लगता है। कमतौल से ८ किलोमीटर दूर ब्रह्मपुर में गौतम ऋषि का स्थान माना जाता है। यहाँ गौतम सरोवर एवं पास ही मंदिर बना है। ये पौराणिक स्थल केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत विकसित हो रहे रामायण सर्किट का हिस्सा है। रामायण सर्किट के विकसित होने से स्थानीय कारीगरों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेगा और स्थानीय कला एवं शिल्प को बढ़ावा मिलेगा।<ref>[http://www.thedarbhangaexpress.com/ahilya-asthanpart-of-ramayana-circuit-and-gautam-kund-of-darbhanga-district/] रामायण सर्किट से जुड़ा है दरभंगा जिले का ये पर्यटन स्थल</ref> ब्रह्मपुर के खादी ग्रामोद्योग केंद्र एवं खादी भंडार से वस्त्र खरीदे जा सकते है।
* '''छपरार''': दरभंगा से १० किलोमीटर दूर कमला नदी किनारे बना शिवमंदिर के पास कार्तिक एवं माघ पूर्णिमा को मेला लगता है।
* '''देवकुली धाम''': बिरौल प्रखंड के देवकुली गाँव में शिव का प्राचीन मंदिर है जहाँ प्रत्येक रविवार को पुजा हेतु भीड होती है। शिवरात्रि के दिन यहाँ मेला भी लगता है।