"पैरामाउंट पिक्चर्स": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
पैरामाउंट पिक्चर्स की स्थापना 1912 में ''फ़ेमस प्लेयर्स फिल्म कंपनी'' के नाम से हुई थी, जिसके संस्थापक [[हंगरी]] में जन्म लेने वाले एडॉल्फ ज़कोर थे, जो शुरुआत में ''निकेलोडियन'' थियेटर में निवेश करते थे। उन्होंने देखा कि फिल्में मुख्य रूप से काम करने वाले वर्ग पर आधारित थीं, तो उन्होंने अपने सहयोगियों, ''डैनियल फ्रोमन'' और ''चार्ल्स फ्राहमैन'' के साथ मध्यम वर्ग के लोगों के लिए फिल्में बनाने का फैसला किया, जिसमें वे उस समय के नाटक में काम करने वाले कुछ बड़े कलाकारों को लिए। 1913 के मध्य तक उन्होंने अपनी पाँच फिल्में पूरी कर ली और सभी में उन्हें सफलता ही मिली।
 
== मामला ==
1948 में संयुक्त राष्ट्र बनाम पैरामाउंट पिक्चर्स नाम से प्रसिद्ध एक मामले के कुछ सालों के बाद ''म्यूजिक कार्पोरेशन ऑफ अमेरिका'' (एमसीए) ने 1 दिसम्बर 1949 से पहले दिखाये सभी 750 फिल्मों के लिए $50 मिलियन डॉलर का भुगतान करने का प्रस्ताव रखा। पैरामाउंट ने इसे एक सौदे के रूप लिया, क्योंकि उस समय पुराने फिल्मों का मूल्य काफी कम देखा था। एमसीए ने फिल्मों को बेचने के लिए ''ईएमकेए एलटीडी'' नाम से एक दिखावे की कंपनी बनाई जो टेलीविजन को फिल्में बेचती है। ''ईएमकेए'' के फिल्मों की सूची में ''पैरामाउंट मैक्स ब्रदर्स'' के पाँच फिल्में भी थीं। इन फिल्मों में ''शंघाई एक्सप्रेस'', ''शेड डॉन हिम रोंग'', ''सुलिवान ट्रेवल्स'', ''द पाम बीच स्टोरी'', ''डबल इमेडिमिटी'', ''द लॉस्ट वीकेंड'' और ''द हेइरेस'' आदि थे।
 
== सन्दर्भ ==