"झूठा सच": अवतरणों में अंतर
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'''झूठा सच''' (1959-64) हिन्दी के सुप्रसिद्ध कथाकार [[यशपाल]] का सर्वोत्कृष्ट एवं वृहद्काय उपन्यास है। 'वतन और देश' तथा 'देश का भविष्य' नाम से दो भागों में विभाजित इस महाकाय उपन्यास में विभाजन के समय देश में होने वाले भीषण रक्तपात एवं भीषण अव्यवस्था का व्यापक फलक पर कलात्मक चित्र उकेरा गया है। यह उपन्यास हिन्दी साहित्य के सर्वोत्तम उपन्यासों में परिगण्य माना गया है।
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