"संस्कृत व्याकरण": अवतरणों में अंतर

छो कथन में अादर भाव
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(७) '''लङ् लकार''' (= अनद्यतन भूत काल ) आज का दिन छोड़ कर किसी अन्य दिन जो हुआ हो । जैसे :- भवान् तस्मिन् दिने भोजनमपचत् । (आपने उस दिन भोजन पकाया था।)
 
(८) '''लिङ् लकार''' = इसमें दो प्रकार के लकार होते हैं :-- d
 
: (क) '''आशीर्लिङ्''' (= किसी को आशीर्वाद देना हो) जैसे :- भवान् जीव्यात् (आप जीओ ) ; त्वं सुखी भूयात् । (तुम सुखी रहो।)