"झूठा सच": अवतरणों में अंतर

पंक्ति 2:
 
== परिचय ==
यह उपन्यास दो भागों में विभाजित है। इसका पहला भाग 'वतन और देश' 1958 ई० में विप्लव कार्यालय, लखनऊ से प्रकाशित हुआ और दूसरे भाग 'देश का भविष्य' का प्रकाशन 1960 ई० में हुआ। इसके पहले भाग में लाहौर के भोला पांधे की गली के परिवारों के बहाने जन सामान्य के जीवन का चित्रण करते हुए देश के विभाजन एवं उससे उत्पन्न भीषण सांप्रदायिक दंगे आदि का चित्रण करते हुए शरणार्थियों के एक देश छोड़कर दूसरे में पलायन की विवशता तक का चित्रण किया गया है। दूसरे भाग में देश के निर्माण में होने वाली चूकों, नेताओं की भ्रष्टता, क्रांतिशील चेतना के भटकाव, स्वार्थ लिप्सा की ट्रेजेडी में फँसा मध्यवर्ग और इस सब के बावजूद जनता की निर्णायक विजयिनी शक्ति का सांकेतिक चित्रण विस्तृत फलक पर किया गया है।
 
== विषय-वस्तु ==