"शंकर शेष": अवतरणों में अंतर
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=== नाट्य साहित्य ===
डॉ शंकर शेष ने प्रायः 40 वर्ष की उम्र में नाटक लिखना शुरू किया और आगामी 8-9 वर्षों में करीब 20 नाटकों की रचना की अपने नाटक एक और द्रोणाचार्य से वह बहुत अधिक प्रतिष्ठित हुए हैं उन्होंने अपने नाटकों एवं फिल्मों से पूरे देश में बहुत ख्याति पाई फार्म और कथ्य की दृष्टि से उन्होंने अनेक प्रकार के नाटक लिखे हैं मायावी सरोवर शिल्पी बिन बाती के दीप पोस्टर कोमल गांधार रक्तबीज नाटकों से उनकी कला क्षमता को पहचाना जा सकता है खासकर पोस्टर में अगर लोक धर्मिता है तो कोमल गांधार में सुकुमार संवेदना और चरित्रों की आंतरिकता। एक भिन्न प्रकार की गूंज उनके हर नाटक में मिलेगी एक और द्रोणाचार्य उनका सबसे लोकप्रिय नाटक था जिसकी 30 से अधिक प्रस्तुतियों के विवरण उपलब्ध है यह नाटक अत्यधिक लोकप्रियता के बावजूद हमेशा विवादास्पद भी रहा मार्क्सवादी शंकर शेष के कथ्य से सहमत नहीं हैं और नया निर्देशक उनकी कृति को प्रायः संपादित किए बिना प्रस्तुत नहीं करना चाहता क्योंकि उनकी दृष्टि में इस नाटक में भावुकता रहस्य और फिल्मी लटकों का चमत्कार कुछ अधिक हो गया है
== प्रकाशित कृतियाँ ==
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