"शंकर शेष": अवतरणों में अंतर

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डॉ० शंकर शेष का जन्म [[मध्य प्रदेश]] के [[बिलासपुर]] में 2 अक्टूबर 1933 ई० को हुआ था। उनकी उच्च शिक्षा-दीक्षा [[नागपुर]] एवं [[मुंबई]] में हुई। [[नागपुर विश्वविद्यालय]] से 1956 में उन्होंने बी०ए० (ऑनर्स) की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की और वहीं से 1964 में पी-एच०डी० की उपाधि भी पायी। 1976 ई० में उन्होंने [[बंबई विश्वविद्यालय]] से एम०ए० (लिंगविस्टिक) की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की।<ref name="अ">एक और द्रोणाचार्य, शंकर शेष, परमेश्वरी प्रकाशन, प्रीतविहार, दिल्ली, पेपरबैक संस्करण-2007 (अंतिम आवरण पृष्ठ पर लेखक परिचय में)।</ref>
 
डॉ० शेष 1956 ई० से ही [[रंगमंच]] से सम्बद्ध हुए और जीवनपर्यंत सम्बद्ध रहे। [[स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया]], मुंबई के प्रमुख हिन्दी अधिकारी के पद पर नियुक्त रहते हुए नाट्य लेखन एवं अन्य सर्जनात्मक कार्य करते रहे।<ref>भारतीय रंग कोश, संदर्भ हिन्दी, खण्ड-2 (रंग व्यक्तित्व), संपादक- प्रतिभा अग्रवाल, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नयी दिल्ली की ओर से राजकमल प्रकाशन, प्रा० लि०, नयी दिल्ली, संस्करण-2006, पृष्ठ-257.</ref>
 
साठोत्तरी पीढ़ी के प्रयोगधर्मी नाटककार के रूप में डॉ० शंकर शेष की काफी ख्याति रही। उनके विभिन्न नाटकों एवं एकांकियों के समय-समय पर प्रदर्शन होते रहे। डॉ० शेष [[मराठी भाषा]] भी जानते थे और उन्होंने मराठी से कुछ नाटकों का अनुवाद भी किया था।<ref name="अ" /> नाटकों के अतिरिक्त वे फिल्मों के लिए कहानियाँ भी लिखते थे और इसके लिए पुरस्कृत भी हुए। 28 अक्टूबर 1981 ई० को [[श्रीनगर]] ([[कश्मीर]]) में उनका निधन हो गया।