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संक्षेप में भक्ति-युग की चार प्रमुख काव्य-धाराएं मिलती हैं :
* '''सगुण भक्ति'''
:* रामाश्रयी शाखा और
:* कृष्णाश्रयी शाखा
 
* '''निर्गुण भक्ति'''
:* ज्ञानाश्रयी शाखा और
:* प्रेमाश्रयी शाखा