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'''अखंडानन्द सरस्वती''' (1911-1987) एक विद्वान थे। इन्हें इनके शिष्य महाराजश्री के नाम से बुलाते थे। अखंडानन्द जी [[भागवत पुराण]] के प्रतिपादक और विविध [[आध्यात्मिक]] परंपराओं जिसमें [[वेदान्त दर्शन]] [[भक्ति]] [[शास्त्र]] सम्मिलित है।
 
== प्रारंभिक जीवन ==
अखंडानन्द जी का जन्म शुक्रवार 25 जुलाई 1911 को [[वाराणसी]] के महारय गाव में [[पुष्य]] [[नक्षत्र]] श्रावण अमावस्या (हिन्दू पंचांग के अनुसार) [[सरयूपारीण ब्राह्मण]] के यहाँ हुआ। परिवार ने उसी नाम के देवता के नाम पर उनका नाम शांतनु बिहारी रखा दिया।
 
जब अखंडानन्द जी 10 साल के थे तभी उनके दादा ने उन्हें मूल भागवत को [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] में पढ़ना सिखाया था।
[[सन्यास]] जाने से पहले 1934 से 1942 तक उन्होंने कई किताबें एवं लेख प्रकाशित किए जब वे [[गीताप्रेस]] में कल्याण के सम्पादकीय बोर्ड के सदस्य थे। तथा भागवत पुराण का उनके लिए [[हिन्दी]] में अनुवाद किया।<ref>Bharatiya Vidya Bhavan,[http://bhavans.info/vision/staff.asp ''Honorary Board Members List'' on the Bhavan's website], Office Bearers Page.</ref><ref>http://anandvrindavan.org/</ref>