"हाम्मुरबी": अवतरणों में अंतर
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'''खम्मूरब्बी बाबुल''' या '''हम्मूरब्बी''' (1810
यह सामी (अमोरी) वंश का छठा शासक था। इसके शासन काल में [[बाबुल साम्राज्य]] उत्तर की ओर [[फारस की खाड़ी]] तक, पश्चिम की ओर [[दजला]]-[[फरात]] का काँठा, [[असुर]] तथा [[भूमध्य सागर]] के सामी तट तक फैला हुआ था। खम्मुरब्बी मुख्यत: सफल शासक और सैनिक था, उसकी ख्याति कानूनों को नियमबद्ध करने के कारण है। उसके बनाए हुए कानून १९०२ में [[शूषा]] में एक चट्टान पर अंकित पाए गए हैं। उसके कानून की अनेक धाराओं का संबंध वैयक्तिक संपत्ति, व्यापार, व्यापार-संबंध, परिवार, श्रम, वैयक्तिक आघात से है। उसका सिद्धांत था- 'आँख के बदले आँख'। खम्मुरब्बी के अधिकांश कानून सुमेरी कानूनों पर आधारित हैं और उनमें पारिवारिक अपराधों के लिए कठोर दंड के मूल में सामी प्रभाव झलकता है। उसके कानून में मानव जीवन से अधिक महत्व वैयक्तिक संपत्ति को दिया गया है, जो बाबुल के निस्सीम पूँजीवाद का प्रतीक है।
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