"हिन्दी वर्तनी मानकीकरण": अवतरणों में अंतर

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==मानकीकरण संस्थाएं एवं प्रयास==
मानक हिंदी वर्तनी का कार्यक्षेत्र [[केंदीय हिंदी निदेशालय]] का है। इस दिशा में कई दिग्गजों ने अपना जीवन खपायोगदान दिया, जिनमें से आचार्य किशोरीदास वाजपेयी तथा [[आचार्य रामचंद्र वर्मा]] के नाम उल्लेखनीय हैं। [[हिन्दी]] भाषा के संघ और कुछ राज्यों की [[राजभाषा]] स्वीकृत हो जाने के फलस्वरूप देश के भीतर और बाहर हिन्दी सीखने वालों की संख्या में पर्याप्त वृद्धि हो जाने से हिन्दी वर्तनी काकी क्षेत्रमानक मात्रपद्धति निर्धारित करना आवश्यक और कालोचित लगा, ताकि हिन्दी शब्दों तककी नहींवर्तनियों हैमें उसमेंअधिकाधिक संक्षिप्तएकरूपता रूप,लाई प्रतीकजा सके। तदनुसार, व्यक्ति[[शिक्षा मंत्रालय, स्थानभारत नामोंसरकार]] काने अपार[[१९६१]] भंडारमें हिन्दी वर्तनी की मानक पद्धति निर्धारित करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त की। इस समिति ने [[अप्रैल]] [[१९६२]] में अंतिम रिपोर्ट दी। इस समिति के सदस्यों की सूची संदर्भित [[परिशिष्ट]] में दी गई है।<ref>{{cite book |last= |first= |title=विधि शब्दावली |year=१९८३|publisher=|location=|id= |page= |accessday= ९|accessmonth= मई|accessyear= २००९}}</ref> समिति की चार बैठकें हुईं जिनमें गंभीर विचार-विमर्श के बाद वर्तनी के संबंध में एक नियमावली निर्धारित की गई। समिति ने तदनुसार, १९६२ में अपनी अंतिम सिफारिशें प्रस्तुत कीं जो सरकार द्वारा अनुमोदित रूप में नीचे दी जा रही हैं-
 
[[हिन्दी]] संघ और कुछ राज्यों की [[राजभाषा]] स्वीकृत हो जाने के फलस्वरूप देश के भीतर और बाहर हिन्दी सीखने वालों की संख्या में पर्याप्त वृद्ध हो जाने के कारण हिन्दी वर्तनी की मानक पद्धति निर्धारित करना आवश्यक और कालोचित जान पड़ा ताकि हिन्दी शब्दों की वर्तनियों में अधिकाधिक एकरूपता लाई जा सके। तदनुसार, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने १९६१ में हिन्दी वर्तनी की मानक पद्धति निर्धारित करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त की। इस समिति बनाई जिसने अप्रैल १९६२ में अंतिम रिपोर्ट दी। इस समिति के सदस्यों की सूची [[परिशिष्ट]] में दी गई है।<ref>{{cite book |last= |first= |title=विधि शब्दावली |year=१९८३|publisher=|location=|id= |page= |accessday= ९|accessmonth= मई|accessyear= २००९}}</ref>
 
 
समिति की चार बैठकें हुईं जिनमें गंभीर विचार-विमर्श के बाद वर्तनी के संबंध में एक नियमावली निर्धारित की गई। समिति ने तदनुसार, १९६२ में अपनी अंतिम सिफारिशें प्रस्तुत कीं जो सरकार द्वारा अनुमोदित रूप में नीचे दी जा रही हैं-
==संदर्भ==
* [http://hindi.blogspot.com/2006/07/blog-post_08.html हिन्दी में प्रचलित दस गलतियाँ] (अवश्य देखें)