"कौशाम्बी जिला": अवतरणों में अंतर
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== प्राचीनता ==
पुराणों के अनुसार हस्तिनापुर नरेश निचक्षु ने, जो राजा परीक्षित
== ऐतिहासिक तथ्य ==
कौशांबी से एक कोस उत्तर-पश्चिम में एक छोटी पहाड़ी थी, जिसकी प्लक्ष नामक गुहा में बुद्ध कई बार आए थे। यहीं श्वभ्र नामक प्राकृतिक कुण्ड था। जैन ग्रंथों में भी कौशांबी का उल्लेख है। आवश्यक सूत्र की एक कथा में जैन भिक्षुणी चंदना का उल्लेख है, जो भिक्षुणी बनने से पूर्व कौशांबी के एक व्यापारी धनावह के हाथों बेच दी गई थी। इसी सूत्र में कौशांबी नरेश शतानीक का भी उल्लेख है।
== मुख्य आकर्षण ==
=== शीतला देवी मंदिर ===
शीतला देवी मंदिर ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण मंदिर है। यह मंदिर इलाहाबाद के उत्तर-पश्चिम से लगभग 69 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस स्थान को कडा़ धाम के नाम से जाना जाता है। इसके अतिरिक्त, यहां स्थित प्रमुख मंदिरों में हनुमान मंदिर, छत्रपाल मंदिर और कालेश्वर मंदिर भी काफी प्रसिद्ध है। मां शीतला देवी मंदिर गंगा नदी के तट पर स्थित है। इस मंदिर को देवी के 51 शक्तिपीठों में से सबसे प्रमुख शक्तिपीठ माना जाता है। सभी धर्मो के लोग मंदिर में मां के दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर में स्थित शीतला देवी की मूर्ति स्थित है। इस मूर्ति में माता गर्दभ पर बैठी हुई है। ऐसा माना जाता है कि चैत्र माह में कृष्णपक्ष के अष्टमी पर यदि देवी शीतला की पूजा की जाए तो बुरी शक्तियों से पीछा छुटाया जा सकता है। यह मंदिर 1000 ई. में बनाया गया था। यह स्थान प्रसिद्ध संत मलूकदास की जन्मभूमि भी है। यहां पर संत मलूकदास का आश्रम और समाधि भी स्थित है। इसके अलावा, सिक्ख गुरू तेग बहादुर भी यहां आए थे।
=== प्रभाषगिरी: ===
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