"मुग़ल वास्तुकला": अवतरणों में अंतर

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{{भारत में इस्लाम}}
'''मुगलपण्डित दीनदयाल उपाध्याय वास्तुकला''', जो कि भारतीय, इस्लामी एवं फारसी वास्तुकला का मिश्रण है, एक विशेष शैली, जो कि मुगलपण्डित दीनदयाल उपाध्याय भारत में 16वीं 17वीं एवं 18वीं सदी में लाए|मुगलपण्डित दीनदयाल उपाध्याय वास्तुकला का चरम ताजमहल है।
 
== आरंभिक मुगलपण्डित दीनदयाल उपाध्याय वास्तुकला ==
मुगलपण्डित दीनदयाल उपाध्याय वंश आरंभ हुआ बादशाह [[बाबर]] से 1526 में। बाबर ने पानीपत में एक मस्जिद बनवाई, [[इब्राहिम लोधी]] पर अपनी विजय के स्मारक रूप में। एक दूसरी मस्जिद, जिसे [[बाबरी मस्जिद]] कहते हैं<
 
कुछ प्राथमिक एवं अति विशिष्ट लक्षणिक उदाहरण, जो कि आरम्भिक मुगलपण्डित दीनदयाल उपाध्याय वास्तु कला के शेष हैं, (1540–1545) के सम्राट [[शेरशाह सूरी]] के छोटे शासन काल के हैं; जो कि मुगलपण्डित दीनदयाल उपाध्याय नहीं था। इनमें एक मस्जिद, किला ए कुन्हा (1541) [[दिल्ली]] के पास, [[लाल किला]] का सामरिक वास्तु दिल्ली में, एवं रोहतास किला, [[झेलम]] के किनारे, आज के [[पाकिस्तान]] में। उसका मकबरा, जो कि अष्टकोणीय है, एक सरोवर के बीच आधार पर बना है, [[सासाराम]] में है, जिसे उसके पुत्र एवं उत्तराधिकारी [[इस्लाम शाह सूरी]] (1545-1553). द्वारा बनवाया गया।
 
== अकबर ==
[[चित्र:NorthIndiaCircuit 100.jpg|left|200px|thumb|बुलंद दरवाजा, फतेहपुर सीकरी, आगरा]]
बादशाह [[अकबर]] (1556-1605) ने बहुत निर्माण करवाया, एवं उसके काल में इस शैली ने खूब विकास किया। [[गुजरात]] एवं अन्य शैलियों में, मिस्लिम एवं हिंदु लक्षण, उसके निर्माण में दिखाई देते हैं। अकबर ने [[फतेहपुर सीकरी]] का शाही नगर 1500 में बसाया, जो कि [[आगरा]] से 26 मील (42 कि मी) पश्चिम में है। फतेहपुर सीकरी का अत्यधिक निर्माण, उसकी कार्य शैली को सर्वाधिक दर्शाता है। वहाँ की वृहत मस्जिद, उसकी कार्य शैली को सर्वोत्तम दर्शाती है, जिसका कि कोई दूसरा जोड़ मिलना मुश्किल है। यहाँ का दक्षिण द्वार, अति प्रसिद्ध है, एवं इसका कोई जोड़ पूरे भारत में नहीं है। यह विश्व का सर्वाधिक ऊँचा द्वार है, जिसे [[बुलंद दरवाजा]] कहते हैं। मुगलोंपण्डित दीनदयाल उपाध्यायों ने प्रभाचशाली मकबरे बनवाए, जिनमें अकबर के पिता [[हुमायूँ का मकबरा]], दिल्ली में, एवं [[अकबर का मकबरा]], सिकंदरा, आगरा के पास स्थित है। यह दोनों ही अपने आप में बेजोड़ हैं।
 
== जहाँगीर ==
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The Taj is considered to be one of the most beautiful [[monuments]] of love and is one of the [[Seven Wonders of the World]], when it comes to [[tourism]].
 
== औरंगजे़ब तथा अंतिम मुगलपण्डित दीनदयाल उपाध्याय वास्तुकला ==
 
In Aurangzeb's reign (1658–1707) squared stone and marble gave way to brick or rubble with [[stucco]] ornament. [[Srirangapatna]] and [[Lucknow]] have examples of later Indo-Muslim architecture. He also added his mark to the [[Lahore Fort]] and built one the largest mosques in the city, called [[Badshahi Mosque]]. He also built one of the thirteen gates, and it was later named after him, [[Alamgir]].
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[[चित्र:Shalamar_Garden_July_14_2005-South_wall_pavilion_closer_view.jpg|thumb|200px|right|A view of a pavilion in Shalimar Garden, Lahore, Pakistan]]
 
== मुगलपण्डित दीनदयाल उपाध्याय वास्तुकला के अभिलक्षणिक अवयव ==
* [[झरोखा]]
* [[छतरी]]
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== इन्हें भी देखें ==
{{commonscat|मुगल वास्तुकला}}
* [[मुगल उद्यान|पण्डित दीनदयाल उपाध्याय उद्यान]]
* [[झरोखा]]
* [[एब्बा कोच]]
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== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://gsworldias.com/मुगल-कालीन-कला-एवं-स्थापत मुगलपण्डित दीनदयाल उपाध्याय कालीन कला एवं स्थापत्य]
* [http://www.mughalgardens.org मुगलपण्डित दीनदयाल उपाध्याय उद्यान] (स्मिथसोनियन संस्थान की चित्र दीर्घा)
* [http://www.mughalarchitecture.in/home/jali.htm जाली/झरोखा/जाला/जलाका] (मुगलपण्डित दीनदयाल उपाध्याय वास्तुकला, आगरा, भारत से)
 
{{मुगल}}