"आधुनिक हिंदी पद्य का इतिहास": अवतरणों में अंतर
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* सियारामशरण गुप्त
== छायावादी युग की कविता (१९२०-1936 ) ==
सन १९२० के आसपास हिंदी में कल्पनापूर्ण स्वछंद और भावुक कविताओं की एक बाढ़ आई। यह यूरोप के रोमांटिसिज़्म से प्रभावित थी। भाव, शैली, छंद, अलंकार सब दृष्टियों से इसमें नयापन था। भारत की राजनीतिक स्वतंत्रता के बाद लोकप्रिय हुई इस कविता को आलोचकों ने [[छायावादी युग]] का नाम दिया। छायावादी कवियों की उस समय भारी कटु आलोचना हुई परंतु आज यह निर्विवाद तथ्य है कि आधुनिक हिंदी कविता की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि इसी समय के कवियों द्वारा हुई। [[जयशंकर प्रसाद]], [[निराला]], [[सुमित्रानंदन पंत]], [[महादेवी वर्मा]] इस युग के प्रधान कवि हैं।
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