"गेर नृत्य": अवतरणों में अंतर
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इस लोक नृत्य [[बांसुरी]] [[ढोलक]], [[नगाड़ा]], [[ढोल]] आदि वाद्ययंत्रों का समावेश है। मधुर गीत और करामाती पृष्ठभूमि संगीत ताल के साथ नृत्य करने के लिए हर किसी को प्रोत्साहित करता है।
== नृत्य के अवसर ==
हालांकि गेर नृत्य मनोरंजन के रूप किसी भी उत्सव के मौकों पर व किसी भी समय में कर सकते हैं परन्तु मुख्य रूप से होली महीने (फरवरी-मार्च) और जन्माष्टमी के उत्सव के अवसर पर किया जाता है। होली व जन्माष्टमी गेर नृत्य के
==गेर नृत्य के अन्य नाम==
गेर नृत्य को गेर घालना ,गेर घुमना ,गेर खेलना नाम से भी जाना जाता हैं। इस नृत्य के अन्य रूपों में इसे [[राजस्थान]] के[[मारवाड़]] क्षेत्र में डांडी गेर व [[शेखावाटी]] क्षेत्र गिन्दङ के रूप में पाया जाता हैं।
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