"उपसर्ग": अवतरणों में अंतर

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[[संस्कृत]] एवं संस्कृत से उत्पन्न भाषाओं में उस अव्यय या शब्द को '''उपसर्ग''' (prefix) कहते हैं जो कुछ शब्दों के आरंभ में लगकर उनके अर्थों का विस्तार करता अथवा उनमें कोई विशेषता उत्पन्न करता है। उपसर्ग = उपसृज् (त्याग) + घं। जैसे - अ, अनु, अप, वि, आदि उपसर्ग है। HarI Mohit from poata
 
== उपसर्ग और उनके अर्थबोध ==