"ब्रह्मा": अवतरणों में अंतर

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==व्युत्पत्ति==
[[File:12th century Chennakesava temple at Somanathapura, Karnataka, India Lord Brahma.jpg|thumb|कर्नाटक के सोमनाथपुरा में १२ वीं शताब्दी के चेनाकेस्वा मंदिर में ब्रह्मा की मूर्ति।]]
ब्रह्मा की उत्पत्ति के विषय पर वर्णन किया गया है। ब्रह्मा की उत्पत्ति विष्नुविष्णु की नाभीनाभि से निकले कमल में स्वयंभुस्वयंभू हुइहुई थी। इसने चारोचारों औरओर देखा जिनकी वजह से उनके चार मुख हो गये। <ref>हेमाद्री संकल्प, खंड-१</ref>
भारतीय दर्शनशास्त्रोदर्शनशास्त्रों में निर्गुण, निराकार और सर्वव्यापी माने जाने वाली चेतन शक्ति के लिए ब्रह्म शब्द प्रयोग किया गया है। <ref>http://vishwahindusamaj.com/tatva2.htm</ref><ref>http://www.shriprannathgyanpeeth.org/personality_of_lord_hi.htm</ref>इन्हेइन्हें परब्रह्म या परमपरम् तत्व भी कहा गया है। पूजापाठपूजा-पाठ करने वालोवालों के लिए ब्राह्मण शब्द प्रयोग किया गया है।हैं।
 
==पुत्र==