"रामराज्य": अवतरणों में अंतर

छो Reverted 2 edits by 115.247.6.87 (talk) identified as vandalism to last revision by Sanjeev bot. (TW)
छोNo edit summary
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 26:
[[वाल्मीकि]] [[रामायण]] में भरत जी रामराज्य के विलक्षण प्रभाव का उल्लेख करते हुए कहते हैं, "राघव! आपके राज्य पर अभिषिक्त हुए एक मास से अधिक समय हो गया। तब से सभी लोग निरोग दिखाई देते हैं। बूढ़े प्राणियों के पास भी मृत्यु नहीं फटकती है। स्त्रियां बिना कष्ट के प्रसव करती हैं। सभी मनुष्यों के शरीर हृष्ट–पुष्ट दिखाई देते हैं। राजन! पुरवासियों में बड़ा हर्ष छा रहा है। मेघ अमृत के समान जल गिराते हुए समय पर वर्षा करते हैं। हवा ऐसी चलती है कि इसका स्पर्श शीतल एवं सुखद जान पड़ता है। राजन नगर तथा जनपद के लोग इस पुरी में कहते हैं कि हमारे लिए चिरकाल तक ऐसे ही प्रभावशाली राजा रहें।"
 
राम राज्य का आशय सिर्फ भगवान राम के राज्य से नही है प्रभु राम के पूर्वजों ओर उनकी आगे की पीढियों का कुल मिलाकर 132 पीढी तक राज़ चला सच्चाई और वचन निभाने की परम्परा की वजह से इस कुल के राजाओं को दूसरे राजाओं द्वारा हराने के बाद भी अगली पीढ़ी में इनका राज्य फिर लौट आया !आज के समय भारत में इनकी नीतियां को लागू करने की जरूरत है चुनाव के समय जो वायदे किये जाते है वे निभाये नही जाते ! सूचना के अधिकार की तरह वचन निभाने का अधिकार अगर शामिल किया जाय तो कोई पार्टी झूठा वायदा नही करेगी और सचाई जिसे शपथ के तौर पर देखा जाता है उसे भी एक नागरिक अधिकार बनाने से वर्तमान व्यवस्था रामराज में अपने आप बदल जायेगी उत्तराखण्ड में नवक्रांति पार्टी इस व्यवस्था को लाने के संकल्प के साथ पिछले पाँच वर्ष से संघर्षरत है इनकी कामयाबी हि भारत में इस व्यवस्था पर लोगों को जागरूक करेगी । गाँधीजी का सपना विभाजन के भेंट चढ़ गय़ा । अब एक नयी उमीद्व इस व्यवस्था पर प्रकाश डाल सकती है
== इन्हें भी देखें==
 
== इन्हें भी देखें==
 
*[[अखिल भारतीय राम राज्य परिषद|अखिल भारतीय रामराज्य परिषद]]