"जीवन का अर्थ": अवतरणों में अंतर
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खुद से ख़ुदा से पूछा।।
दे दी हे सांसे तो जिंदा हु।।
न होती सांसे तो क्या होता।।
पैदा किया हे तुमने कोई तो वज़ह होगा।
अभी तो ज़ी रहा हु ज़िंदगी।।
न होती तो क्या होता।।।
सांसो से साँस मिलता हें।।
नया कोई साँस होगा।।।(हयात खान)
अगर न होती सांसे न जाने में क्या होता।।
न तू होता न में होता न कोई वज़ह होता।।(हयात खान)
== लोकप्रिय दृष्टिकोण ==
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