"जीवन का अर्थ": अवतरणों में अंतर

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{{काम जारी|date=मार्च 2018}}
खुद से ख़ुदा से पूछा।।
{{About|सामान्य तौर पर जीवन के महत्त्व|अन्य प्रयोगों|जीवन का अर्थ (बहुविकल्पी)}}
दे दी हे सांसे तो जिंदा हु।।
[[File:Paul Gauguin - D'ou venons-nous.jpg|thumb|380px|''[[हम कहाँ से आते हैं? हम कहाँ हैं? हम कहाँ जा रहें हैं?]]'', उत्तर-प्रभाववादी [[पॉल गोगीं]] की सबसे सुप्रसिध्द चित्रकलाओं में से एक]]
न होती सांसे तो क्या होता।।
पैदा किया हे तुमने कोई तो वज़ह होगा।
अभी तो ज़ी रहा हु ज़िंदगी।।
न होती तो क्या होता।।।
सांसो से साँस मिलता हें।।
नया कोई साँस होगा।।।(हयात खान)
अगर न होती सांसे न जाने में क्या होता।।
न तू होता न में होता न कोई वज़ह होता।।(हयात खान)
 
'''जीवन का अर्थ''' या '''"जीवन का अर्थ क्या है?" प्रश्न का उत्तर''' का संदर्भ [[जीवन|जीने]] के [[आंतरिक मूल्य (नीतिशास्त्र)|महत्त्व]] से हैं या आम तौर पर [[अस्तित्व]] से हैं। कई अन्य संबंधित प्रश्नों में सम्मलित हैं: "हम यहाँ क्यों हैं?", "जीवन आखिर क्या है?", या "अस्तित्व का उद्देश्य क्या है?"
== लोकप्रिय दृष्टिकोण =
 
एक विकल्प के रूप में मानववादी दृष्टिकोण यह प्रश्न पूछती है कि "''मेरे'' जीवन का अर्थ क्या है?"
ख़ाली हाथ पैदा हुआ इन्सान
 
पर कफ़न ओढता।।
== लोकप्रिय दृष्टिकोण ==
वक्त किसका रहता हे एक जैसा।।
यह किसे छोड़ता हें।।।
पैदा हुआ हे क्यों ख़ुद को भूलता हें।
ज़ीने के हे कुछ पल।।
एक दिन जिस्म छोड़ता हें।।
हँसता हे ज़िन्दगी में ।।
मोंत पर क्यों रोता हें।।(हयात खान)