"रोमन लिपि": अवतरणों में अंतर
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रोमन लिपि के कुछ अक्शर
== इतिहास ==
असल में रोमन लिपि [[लातिनी]] भाषा के लिये ही बनी थी, यानी कि लातिनी की '''अपनी''' लिपि है। इसलिये इसका हरेक अक्षर लगभग हमेशा एक ही उच्चारण देता है (अंग्रेज़ी की तरह गड़बड़-घोटाला नहीं होता)। अति-प्राचीन रोमन लिपि ये थी -
== अंग्रेज़ी ==
{|border="2"
|-
|'''अक्षर''' :|| A || B || C || D || E || F || G || H || I || L || M || N || O || P || Q || R || S || T || V || X
|-
|'''उच्चारण (लातिनी)''' : ||अ (आ) || ब || क || द || ए (ऍ) || फ़ || ग || ह || इ (ई, य) || ल || म || न || ओ (ऑ) || प || क्व || र || स || त || उ (ऊ, उअ) || क्स
|-}
स्वर के ऊपर समतल रेखा (Macron) का अर्थ होता था कि स्वर दीर्घ है, पर इसे लिखना ज़रूरी नहीं माना जाता था। बाद में यूनानी भाषा के उधार के शब्द लाने के लिये [[यूनानी लिपि]] से ये अक्षर लिये गये : K (क), Y (इयु), Z (ज़)। [[व्यंजन]] "उअ" के लिये V प्रयुक्त किया जाने लगा और स्वर "उ" के लिये U। इसके भी कुछ बाद J (य) और W (व) जुड़े। छोटे अक्षरों के रूप (a, b, c, d, e, f, g, h, i, j, k, l, m, n, o, p, q, r, s, t, u, v, w, x, y, z) मध्ययुग में आये। पश्चिम और मध्य [[यूरोप]] की सारी भाषाओं ने लिखावट के लिये रोमन लिपि अपना ली।
== अंग्रेज़ी ==
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