"अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना": अवतरणों में अंतर

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* [http://www.pib.nic.in/newsite/hindifeature.aspx?relid=21923 अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना]
[[श्रेणी:भारत में सरकारी योजनाएँ]]
 
 
लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली को अधिक केंद्रित तथा गरीब आबादी के अत्‍यंत गरीब वर्ग तक पहुंचाने के लिए ''अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना'' (एएवाई) को दिसंबर, 2000 में शुरू किया गया था।
 
 
अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना, राज्‍यों में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत आने वाले बीपीएल परिवारों में से अत्‍यंत गरीब परिवारों की पहचान करके अत्‍यधिक रियायती दर पर यानी 2 रू. प्रति किलो गेहूँ और 3 रू. प्रति किलो चावल उपलब्ध कराती है। वितरण लागत, व्‍यापारियों तथा खुदरा विक्रेताओं का लाभ और परिवहन लागत राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों को वहन करना पड़ता है। अत: इस योजना के अंतर्गत पूरी खाद्य सब्सिडी उपभोक्ताओं को मिलती है। अन्‍त्‍योदय परिवारों की पहचान और ऐसे परिवारों को विशिष्‍ट राशन कार्ड जारी करना संबंधित राज्‍य सरकारों की जिम्‍मेदारी होती है। इस योजना के तहत आबंटन के लिए खाद्यान, पहचाने गए अन्‍त्‍योदय परिवारों को विशिष्‍ट एएवाई राशन कार्ड जारी करने के आधार पर राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों को जारी किए जाते है। एएवाई के अंतर्गत वर्तमान मासिक आबंटन 31 दिसंबर, 2012 को करीब 8.51 लाख टन है।
 
 
शुरूआत में जारी किया गया पैमाना जो कि प्रति परिवार 25 किलो प्रति महीना था उसको प्रभावी पहली अप्रैल, 2002 से प्रति परिवार 35 किलो प्रति महीना तक बढ़ा दी गई है।
 
 
अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना (एएवाई) गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) परिवारों की पहचान करके 1 करोड़ परिवारों के लिए शुरू की गई थी। इस योजना के तहत राशि को तीन बार यानी की 2003-04, 2004-05 और 2005-06 के दौरान हर समय 50 लाख अतिरिक्‍त परिवारों के लिए बढ़ाया बढ़ाया गया। इस प्रकार एएवाई के अंतर्गत कुल 2.50 करोड़ परिवारों (यानी की बीपीएल का 38 प्रतिशत) तक पहुंचाया गया।
 
 
एएवाई के तहत अन्‍त्‍योदय परिवारों और विस्‍तृत एएवाई के तहत अतिरिक्‍त अन्‍त्‍योदय परिवारों की पहचान करने के लिए राज्‍य/संघ राज्‍य क्षेत्रों को विस्‍तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए। परिवारों की पहचान करने के क्रम में अपनाए गए मापदंड:- भूमि हीन कृषि मजदूर, सीमांत किसान, ग्रामीण शिल्पकार/कारीगर जैसे कुम्‍हार, चमड़ा कारीगर, बुनकर, लोहार, बढ़ई, झुग्‍गी में रहने वाले तथा अनौपचारीक क्षेत्र में दैनिक आधार पर कार्य करने वाले व्‍यक्ति जैसे दरबान, कुली, रिक्‍शा चालक, रेहड़ी वाले, फल-फूल बेचने वाले, सपेरे, कूड़ा उठाने वाले, मोची, बेसहारा और ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में इस तरह के अन्‍य श्रेणियों के लोग।
 
 
विधवाओं के परिवार या बीमार व्‍यक्ति/विकलांग/60 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्‍यक्ति जिनके पास निर्वाह अथवा सामाजिक सहायता के लिए कोई सुनिश्चित साधन न हो।
 
विधवा या बीमार व्‍यक्ति या विकलांग व्‍यक्ति या 60 साल से अधिक के व्‍यक्ति जिनके पास निर्वाह अथवा सामाजिक सहायता के लिए कोई सुनिश्चित साधन न हो।
 
 
सभी प्राचीन जन-जातीय परिवार।
 
 
एएवाई सूची में प्राथमिकता के आधार पर सभी वांछनीय बीपीएल, एचआईवी पॉजिटिव परिवारों के व्‍यक्तियों को शामिल करने के लिए 3 जून, 2009 के पत्र के तहत उपरोक्‍त निर्देशों को बाद में भी संशोधित किया गया था।