"ब्रजभाषा": अवतरणों में अंतर

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अपने विशुद्ध रूप में ब्रजभाषा आज भी [[आगरा]], [[धौलपुर]], [[हिण्डौन सिटी]], [[मथुरा]], [[मैनपुरी]], [[एटा]] और [[अलीगढ़]] जिलों में बोली जाती है। इसे हम "केंद्रीय ब्रजभाषा" के नाम से भी पुकार सकते हैं। केंद्रीय ब्रजभाषा क्षेत्र के उत्तर पश्चिम की ओर [[बुलंदशहर]] जिले की उत्तरी पट्टी से इसमें खड़ी बोली की लटक आने लगती है। उत्तरी-पूर्वी जिलों अर्थात् बदायूँ और एटा जिलों में इसपर कन्नौजी का प्रभाव प्रारंभ हो जाता है। डॉ॰ धीरेंद्र वर्मा, "[[कन्नौजी]]" को ब्रजभाषा का ही एक रूप मानते हैं। दक्षिण की ओर [[ग्वालियर]] में पहुँचकर इसमें [[बुंदेली]] की झलक आने लगती है। पश्चिम की ओर [[गुड़गाँव]] तथा [[भरतपुर]] का क्षेत्र [[राजस्थानी]] से प्रभावित है।
 
ब्रज भाषा आज के समय में प्राथमिक तौर पर एक ग्रामीण भाषा है, जो कि [[मथुरा]]-[[आगरा]] केन्द्रित [[ब्रज]] क्षेत्र में बोली जाती है। यह मध्य [[दोआब]] के इन जिलों की प्रधान भाषा हav myहै:
 
* [[मथुरा]]
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* [[गौतम बुद्ध नगर]]
* [[अलीगढ़]]
* [[कासगंज]] no