"राष्ट्रपति शासन": अवतरणों में अंतर
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इसे राष्ट्रपति शासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि, इसके द्वारा राज्य का नियंत्रण बजाय एक निर्वाचित मुख्यमंत्री के, सीधे [[भारत का राष्ट्रपति|भारत के राष्ट्रपति]] के अधीन आ जाता है, लेकिन प्रशासनिक दृष्टि से राज्य के राज्यपाल को केंद्रीय सरकार द्वारा कार्यकारी अधिकार प्रदान किये जाते हैं। प्रशासन में मदद करने के लिए राज्यपाल आम तौर पर सलाहकारों की नियुक्ति करता है, जो आम तौर पर सेवानिवृत्त सिविल सेवक होते हैं। आमतौर पर इस स्थिति में राज्य में केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी की नीतियों का अनुसरण होता है।
[[जम्मू और कश्मीर]] में राष्ट्रपति शासन को '''राज्यपाल शासन''' कहा जाता है।<ref>{{cite web |url=https://www.livehindustan.com/national/story-jammu-and-kashmir-under-governors-rule-centre-plans-return-to-a-hardline-security-policy-2024081.html |title=जम्मू-कश्मीरः राज्यपाल शासन के दौरान आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई और तेज करेगी केंद्र सरकार |last= |first= |date=20 जून 2018 |publisher=[[हिन्दुस्तान लाइव|लाइव हिन्दुस्तान]] |accessdate=12 जुलाई 2018}}</ref>
== अनुच्छेद-356 ==
अनुच्छेद 356, केंद्र सरकार को किसी राज्य सरकार को बर्खास्त करने और राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुमति उस अवस्था में देता है, जब राज्य का संवैधानिक तंत्र पूरी तरह विफल हो गया हो।
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