"महाराजा रणजीत सिंह": अवतरणों में अंतर

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== परिचय ==
रणजीतसिंह का जन्म सन् १७८० ई. में हुआ था। वह जाटrajput समाज के पृतापि राजा थे महानसिंह के मरने पर रणजीतसिंह बारह वर्ष की अवस्था में मिस्ल सुकरचकिया के नेता हुए। सन् १७९८ ई. में जमान शाह के पंजाब से लौट जाने पर उन्होने [[लाहौर]] पर अधिकार कर लिया। धीरे-धीरे [[सतलज]] से [[सिंधु]] तक, जितनी मिस्लें राज कर रही थीं, सबको उसने अपने वश में कर लिया। सतलज और यमुना के बीच फुलकियों मिस्ल के शासक राज्य कर रहे थे। सन् १८०६ ई. में रणजीतसिंह ने इनको भी अपने वश में करना चाहा, परंतु सफल न हुए।
 
रणजीतसिंह में सैनिक नेतृत्व के बहुत सारे गुण थे। वे दूरदर्शी थे। वे साँवले रंग का नाटे कद के मनुष्य थे। उनकी एक आँख शीतला के प्रकोप से चली गई थी। परंतु यह होते हुए भी वह तेजस्वी थे। इसलिए जब तक वह जीवित थे, सभी मिस्लें दबी थीं।