भारतीय संविधान में वर्तमान समय में 444448 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 25 भागों में विभाजित है। परन्तु इसके निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद जो 22 भागों में विभाजित थे इसमें केवल 8 अनुसूचियां थीं। संविधान में [[भारत सरकार|सरकार]] के संसदीय स्वरूप की व्यवस्था की गई है जिसकी संरचना कुछ अपवादों के अतिरिक्त [[संघवाद|संघीय]] है। केन्द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख [[भारतीय राष्ट्रपति|राष्ट्रपति]] है। भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्द्रीय [[संसद]] की परिषद् में राष्ट्रपति तथा दो सदन है जिन्हें राज्यों की परिषद [[राज्यसभा]] तथा लोगों का सदन [[लोकसभा]] के नाम से जाना जाता है। संविधान की धारा 74 (1) में यह व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति की सहायता करने तथा उसे सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगा जिसका प्रमुख [[प्रधानमंत्री]] होगा, राष्ट्रपति इस मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्पादन करेगा। इस प्रकार वास्तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद] में निहित है जिसका प्रमुख [[प्रधानमंत्री]] है जो वर्तमान में [[नरेन्द्र मोदी]] हैं।<ref>http://parliamentofindia.nic.in/ls/debates/facts.htm</ref>
मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोगों के सदन (लोक सभा) के प्रति उत्तरदायी है। प्रत्येक राज्य में एक [[विधानसभा]] है। [[जम्मू और कश्मीर]], [[उत्तर प्रदेश]], [[बिहार]], [[महाराष्ट्र]], [[कर्नाटक]],[[आंध्रप्रदेश]] और [[तेलंगाना]] में एक ऊपरी सदन है जिसे [[विधानपरिषद]] कहा जाता है। [[राज्यपाल]] राज्य का प्रमुख है। प्रत्येक राज्य का एक राज्यपाल होगा तथा राज्य की कार्यकारी शक्ति उसमें निहित होगी। मंत्रिपरिषद, जिसका प्रमुख [[मुख्यमंत्री]] है, राज्यपाल को उसके कार्यकारी कार्यों के निष्पादन में सलाह देती है। राज्य की मंत्रिपरिषद् सामूहिक रूप से राज्य की विधान सभा के प्रति उत्तरदायी है।