"दयानन्द सरस्वती": अवतरणों में अंतर
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=== ज्ञान प्राप्ति के पश्चात ===
[[चित्र:Dayanand Swami.jpg|thumb|245x245px|स्वामी दयानन्द सरस्वती।]]
महर्षि दयानन्द ने अनेक स्थानों की यात्रा की। उन्होंने [[हरिद्वार]] में [[कुम्भ मेला|कुंभ]] के अवसर पर 'पाखण्ड खण्डिनी पताका' फहराई। उन्होंने अनेक [[शास्त्रार्थ]] किए। वे [[कलकत्ता]] में बाबू [[केशवचन्द्र सेन]] तथा [[देवेन्द्र नाथ ठाकुर]] के संपर्क में आए। यहीं से उन्होंने पूरे वस्त्र पहनना तथा [[
== आर्य समाज की स्थापना ==
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