"काशीनाथ सिंह": अवतरणों में अंतर

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==साहित्य सृजन==
काशीनाथ सिंह की सृजन-यात्रा साठोत्तरी पीढ़ी के एक कहानीकार के रूप में आरंभ हुई। उनकी पहली कहानी 'संकट' कृति पत्रिका सितंबर 1968 में प्रकाशित हुई थी। काशीनाथ सिंह साठोत्तरी पीढ़ी के सुप्रसिद्ध चार यार रवींद्र कालिया दूधनाथ सिंह और ज्ञानरंजन के साथ चौथे यार हैं। उनका पहला उपन्यास अपना मोर्चा 1967 ईस्वी के छात्र आंदोलन को केंद्र में रखकर लिखा गया था। लंबे समय तक वे कहानीकार के रूप में ही विख्यात रहे। बाद में संस्मरण के क्षेत्र में उतरने पर उन्हें काफी ख्याति प्राप्त हुई। अपना मोर्चा के लंबे समय बाद उनका दूसरा उपन्यास काशी का अस्सी प्रकाशित हुआ जो वस्तुतः कहानियों एवं संस्मरणों का सम्मिलित रूप है।
 
सन् 2008 में प्रकाशित 'काशी का अस्सी' को उनका सबसे महत्त्वपूर्ण काम माना जाता है। यह घाटों, अजीब पात्रों और 1970 के दशक के छात्र राजनेताओं के जीवन के अंदरूनी चित्र की तरह लिखा गया है । उपन्यास वाराणसी के रंगीन जीवन के विस्तृत चित्रण में अद्वितीय माना जाता है।