"काशीनाथ सिंह": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
→प्रकाशित कृतियाँ: क्रमांकित सूची। |
|||
पंक्ति 12:
==साहित्य सृजन==
काशीनाथ सिंह की सृजन-यात्रा [[साठोत्तरी पीढ़ी]] के एक कहानीकार के रूप में आरंभ हुई। उनकी पहली कहानी 'संकट' ''कृति'' पत्रिका (सितंबर 1960) में प्रकाशित हुई थी।<ref>रेहन पर रग्घू, काशीनाथ सिंह, राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली, पेपरबैक संस्करण-2012, पृष्ठ-1.</ref> काशीनाथ सिंह साठोत्तरी पीढ़ी के सुप्रसिद्ध 'चार यार' [[रवीन्द्र कालिया]], [[दूधनाथ सिंह]] और [[ज्ञानरंजन]] के साथ चौथे 'यार' हैं। उनका पहला उपन्यास अपना मोर्चा 1967 ईस्वी के छात्र आंदोलन को केंद्र में रखकर लिखा गया था।<ref>अपना मोर्चा, काशीनाथ सिंह, राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली, पेपरबैक संस्करण-1985, पृष्ठ-6.</ref> लंबे समय तक वे कहानीकार के रूप में ही विख्यात रहे। बाद में संस्मरण के क्षेत्र में उतरने पर उन्हें काफी ख्याति प्राप्त हुई। 'अपना मोर्चा' के लंबे समय बाद उनका दूसरा उपन्यास 'काशी का अस्सी' प्रकाशित हुआ जो वस्तुतः कहानियों एवं संस्मरणों का सम्मिलित रूप है।
सन्
काशीनाथ सिंह साहित्यिक व्यक्तित्वों के जीवन से सम्बद्ध संस्मरण-लेखन की अपनी अनूठी शैली के लिए भी जाने जाते हैं। उनके संस्मरणों को
काशीनाथ सिंह को 2011 में उनके उपन्यास 'रेहन पर रग्घु' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। हाल के दिनों में 'काशी का अस्सी' पर आधारित एक नाटक 'काशीनामा' भारत और विदेशों में 125 बार आयोजित किया गया है।
|