"लोक प्रशासन की प्रकृति": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो 103.234.162.227 (Talk) के संपादनों को हटाकर Raju Jangid के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया टैग: वापस लिया |
|||
पंक्ति 57:
==लोक-प्रशासन : कला अथवा विज्ञान==
लोक प्रशासन [[कला]] है या [[विज्ञान]] - इस विषय पर विद्वानों में मतभेद है।
लोकप्रशासन को [[विज्ञान]] मानने वालो विचारकों में लूथर, गुलिक, उर्विक, वुडरो विल्सन आदि प्रमुख हैं। इनके अनुसार लोकप्रशासन का अध्ययन क्रमबद्ध तरीके से किया जाता है जिसमे परिकल्पना, तथ्यों का संग्रह, तथ्यों की पुष्टि, तथ्यों का वर्गीकरण, तुलनात्मक अध्ययन, विश्लेषण आदि वैज्ञानिक तरीको का उपयोग कर एक निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचा जाता है। इस प्रकार लोक प्रशासन में इन वैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग करके ही सामान्य नियम स्थापित किया जाता है। विज्ञान की भाँति ही लोक प्रशासन में कुछ सर्वमान्य सिद्धान्त भी है जैसे- आदेश की एकता, नियंत्रण क्षेत्र, टेलर का वैज्ञानिक प्रबन्ध का सिद्धान्त आदि। लोक प्रशासन में विद्धमान दोषो को दूर करने व प्रशासनिक तकनीक के विकास हेतु विज्ञान की तरह ही लोकप्रशासन में भी नवीन प्रयोग किये जाते है। इसी के साथ लोक प्रशासन में तकनीकी ज्ञान की भी प्रधानता है। एक वैज्ञानिक की भाँति एक कुशल प्रशासक को भी तकनीकी ज्ञान से युक्त होना आवश्यक है ताकि वह अपने दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वाह कर सके। इन अर्थो में लोकप्रशासन को विज्ञान माना जा सकता है।
|