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[[File:Kesh chandra and sister.jpg|thumb|200px|केशचन्द्र शाक्य (बहन के साथ), केशचन्द्र महाविहार के निर्माता]]
 
'''शाक्य''' [[प्रथम शताब्दी ई.पू]] में प्राचीन भारत का एक [[महाजनपद|जनपद]] था।<ref name="HCR">Raychaudhuri H. (1972). ''Political History of Ancient India'', Calcutta: University of Calcutta, pp.169-70</ref> बौद्ध पाठ्यों में शाक्य मुख्यत: गोतम गोत्र के [[क्षत्रिय]] बताये गए हैं।<ref name="law">Law, B.C. (1973). ''Tribes in Ancient India'', Bhandarkar Oriental Series No.4, Poona: Bhandarkar Oriental Research Institute, pp.245-56</ref><ref>Thapar, R.(1978). ''Ancient Indian Social History'', New Delhi: Orient Longman, ISBN 81-250-0808-X, p.117</ref> shakyavanshi logoशाक्यवंशी koलोगो alagको alagअलग namअलग seनाम janaसे jataजाना haiजाता है (shakyaशाक्य / sainiसैनी / moryaमोर्य orऔर kushwahaकुश्वाहा है hai शाक्यों का हिमालय की तराई में एक प्राचीन राज्य था, जिसकी राजधानी [[SHAKYAVANSHI|कपिलवस्तु]] थी, जो अब [[नेपाल]] में है। सबसे प्रसिद्ध शाक्यों में आते हैं शाक्यमुनि बुद्ध, यानी [[गौतम बुद्ध]]। ये [[लुंबिनी]] के एक राजवंश से थे और इन्हें शाक्यमुनि, पाली में साकमुनि, आदि नामों से जाना जाता है। विरुधक द्वारा कपिलवस्तु में शाक्यौं के नरसंहार करने के बाद जो शाक्य लोग बच गए, वह कपिलवस्तु के उत्तर में अवस्थित पहाडीयौं में छुप कर रहने लगे। पहाडीयौं में ही शाक्यौं को काठमांडू के सांखु (शंखपुर) में किरात नरेश जितेदास्ती के समय में बौद्ध भिक्षुऔं द्वारा बनाया हुआ वर्खाबास बिहार के बारे में पता चला। इस के बाद शाक्य वंश के लोग उस बिहार में शरणागत हो गए। वहां से शाक्यौं ने संघ का फिर से निर्माण किया और विभिन्न बिहारौं का निर्माण किया। कालान्तर में नेपाल में ५०० से ज्यादा बौद्ध बिहार और अध्ययन केन्द्रौं का निर्माण हुआ। यह संस्कार से निर्मित बौद्ध सम्प्रदाय को नेवार बौद्ध सम्प्रदाय कहते है। इस सम्प्रदाय का नेपाल में १०० से भी ज्यादा बिहार अभी भी जीवित है। बाकीं के सभी जीवित बौद्ध सम्प्रदाय से भिन्न इस सम्प्रदाय का धार्मिक भाषा पाली है। सभी ग्रन्थ और कर्म पाली के मन्त्र और सूत्र द्वारा किया जाता है। [[नालन्दा]] और [[विक्रमशिला]] जैसे विश्वविद्यालयौं मे लिखित अनेक ग्रन्थ (जो भारत में अभी लुप्त हो चुका है), जैसे कि [[प्रज्ञापारमिता]], [[पाली त्रिपिटक]] आदि इस सम्प्रदाय में जीवित है।
 
विश्व गुरु तथागत गौतम बुध्द शाक्य कोलीय गणराज्य के राजा शुद्धोधन शाक्य के पुत्र थे । शाक्य वंश की एक शाखा जो पिप्लीकानन वन में निवास करने लगी जो आगे चलकर मौर्य से प्रसिद्ध हुई ।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/शाक्य" से प्राप्त