"हरियाणा": अवतरणों में अंतर

लेख का विस्तार किया गया
→‎भूगोल: लेख का विस्तार किया गया
पंक्ति 46:
 
=== भूतत्व ===
भौगोलिक तौर पर हरियाणा को चार भागों में बांटा जा सकता है: राज्य के उत्तरी हिस्से में स्थित यमुना-घग्गर के मैदान, सुदूर उत्तर में [[शिवालिक पहाड़ियाँ|शिवालिक पहाड़ियों]] की एक पट्टी, दक्षिण-पश्चिम में [[बांगर]] क्षेत्र तथा दक्षिणी हिस्से में [[अरावली पर्वतमाला]]ओं के अंतिमांश, जिनका क्षैतिज विस्तार [[राजस्थान]] से [[दिल्ली]] तक है।<ref>{{cite book |last1=Laveesh |first1=Bhandari |last2=Kale |first2=Sumita |title=Indian States At A Glance 2008-09: Performance, Facts And Figures - Haryana |date=2009 |publisher=Pearson Education India |location=Delhi |isbn=9788131723357 |url=https://books.google.co.in/books?id=2VxnvUggm9YC |accessdate=19 जुलाई 2018 |language=en}}</ref>{{rp|२१}} राज्य की मिट्टी आमतौर पर गहरी और उपजाऊ है। हालांकि, पूर्वोत्तर के पहाड़ी और दक्षिण-पश्चिम के रेतीले इलाके इसके अपवाद हैं। राज्य की अधिकांश भूमि कृषि योग्य है, लेकिन यहाँ अत्यधिक सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है।
 
[[यमुना नदी|यमुना]] राज्य की एकमात्र चिरस्थायी नदी है, जो इसकी पूर्वी सीमा पर बहती है। उत्तरी हरियाणा में उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर बहने वाली कई बरसाती नदियां हैं, जो हिमालय की [[शिवालिक पहाड़ियाँ|शिवालिक पहाड़ियों]] से निकलती हैं। इनमें [[घग्गर-हकरा नदी|घग्गर-हकरा]], [[चौटांग नदी|चौटांग]], [[तांगड़ी नदी|तांगड़ी]], [[कौशल्या नदी|कौशल्या]], [[मारकंडा नदी|मारकंडा]], [[सरसुति नदी|सरसुति]] और [[सोम नदी|सोम]] इत्यादि प्रमुख हैं। इसी तरह दक्षिणी हरियाणा में भी [[अरावली पर्वत|अरावली पहाड़ियों]] से निकलने वाली कई नदियां दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर बहती हैं। इन नदियों में [[साहिबी नदी|साहिबी]], [[दोहान नदी|दोहान]], [[कृष्णावती नदी|कृष्णावती]] और [[इंदौरी नदी|इंदौरी]] शामिल हैं। माना जाता है कि ये सभी किसी समय द्रशद्वती / [[सरस्वती नदी]] की सहायक नदियां थीं। इन नदियों पर राज्य भर में कई बाँध बने हैं, जिनमें यमुना नदी पर बने [[हथिनीकुंड बैराज|हथिनीकुंड]] तथा [[ताजेवाला बैराज|ताजेवाला]] बैराज, [[पंचकुला जिला|पंचकुला ज़िले]] में स्थित [[कौशल्या बाँध]], [[यमुनानगर जिला|यमुनानगर ज़िले]] में स्थित [[पथराला बैराज]] तथा [[सिरसा जिला|सिरसा ज़िले]] में स्थित [[ओटू बैराज]] मुख्य हैं।
 
=== जलवायु ===
हरियाणा की जलवायु साल भर में गांगेय मैदानों के समान रहती है, यहाँ का मौसम गर्मियों में बहुत गर्म, जबकि सर्दियों में मध्यम ठंडा रहता है। सबसे गर्म महीने मई और जून होते हैं, जब तापमान ४५ डिग्री सेल्सियस (११३ डिग्री फारेनहाइट) तक चला जाता है, और सबसे ठंडे महीने दिसंबर और जनवरी रहते है। कोप्पेन वर्गीकरण के अनुसार राज्य में तीन मौसम क्षेत्र पाए जाते हैं: राज्य के पश्चिमी तथा मध्य हिस्सों की जलवायु अर्द्ध शुष्क है, उत्तरी तथा पूर्वी क्षेत्रों की गर्म भूमध्यसागरीय, जबकि दक्षिणी क्षेत्रों की जलवायु मरुस्थलीय है।<ref>{{cite web |title=Climate Haryana: Temperature, Climograph, Climate table for Haryana - Climate-Data.org |url=https://en.climate-data.org/region/755/ |website=en.climate-data.org |accessdate=19 जुलाई 2018}}</ref>
 
[[करनाल जिला|करनाल]], [[कुरुक्षेत्र जिला|कुरुक्षेत्र]] और [[अम्बाला जिला|अंबाला]] जिलों के कुछ हिस्सों को छोड़कर पूरे राज्य में वर्षा कम और अनियमित है। वर्ष भर में अधिकतम वर्षा २१६ सेमी, जबकि न्यूनतम वर्षा २५ से ३८ सेमी तक रिकॉर्ड की जाती है। जुलाई से सितंबर के महीनों के दौरान लगभग ८० प्रतिशत बारिश होती है, और शेष वर्षा दिसंबर से फरवरी की अवधि के दौरान प्राप्त होती है।
 
== मण्डल तथा जिले ==