"हरियाणा": अवतरणों में अंतर

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{{काम जारी}}
{{ज्ञानसन्दूक भारत का राज्य
| राज्य का नाम = हरियाणा
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|publisher = टेलर & फ्रांसिस, 1999
|isbn = 0-7146-8046-X |id=ISBN 9780714680460}}</ref> भारत में हरियाणा यात्रि कारों, द्विचक्र वाहनों और ट्रैक्टरों के निर्माण में सर्वोपरी राज्य है।<ref>[http://india.gov.in/knowindia/st_haryana.php Government of India portal (भारत सरकार का प्रवेशद्वार)]</ref> भारत में प्रति व्यक्ति निवेश के आधार पर वर्ष २००० से राज्य सर्वोपरी स्थान पर रहा है।<ref>[http://www.indianexpress.com/story/218431.html IndianExpress.com :: Haryana Hurricane]</ref>
 
==इतिहास==
{{See also|हरियाणा का इतिहास}}
इसकी स्थापना १ नवम्बर १९६६ को हुई। इसे भाषायी आधार पर [[पूर्वी पंजाब]] से नये राज्य के रूप में बनाया गया।<ref>{{cite book|url=http://books.google.co.in/books?id=HxlIAAAAIAAJ|title=Haryana, ancient and medieval|author=एच॰ए॰ फड़के|publisher=हरमन पब्लिशिंग हाउस|year=१९९०|isbn=81-85151-34-2|page=३३|language=अंग्रेज़ी|trans_title=हरियाणा, प्राचीन और मध्यकालीन|quote=As Haryana or the ancient Kuru janapada....}} ISBN 978-81-85151-34-2</ref><ref>{{cite book |chapter = Kuru Janapad (कुरू जनपद) |page = २, ३ & ७) |title=Buddhist remains from Haryana |trans_title=हरियाणा से बौद्ध अवशेष |author=देवेन्द्र हांडा |publisher =संदीप प्रकाशन |year=२००४ (मूल प्रकाशन मिशिगन विश्वविद्यालय द्वारा ३ सितम्बर २००८ को अंकीकृत किया गया।) |quote= If the Buddhist texts are to be relied upon, it may be said that Buddhism reached Haryana through the Buddha himself. (पृष्ठ 3)<br/>Dipavamsa refers to Buddha's visit to a city in the Kuru country where he received alms on the banks of the Anotatta lake which he crossed. The city may have been Kurukshetra..... (पृष्ठ 3)<br/>We shall see subsequently that Agroha was an important Buddhist centre of Haryana.....Buddhaghosha's candid confession that even a single monastery could not be set up in the Kuru country during the lifetime of Tathagata who was obliged to stay in the hermitage of a Brahmana.... (पृष्ठ ७)|isbn=9788175741539|language=अंग्रेज़ी |url=https://books.google.co.in/books?ei=BxbJVNmvGIH_8QWGzoDgBw}}</ref><ref>{{cite book|title=Buddhist sites and shrines in India: history, art and architecture|author=डी॰सी॰ अहीर|publisher=श्री सतगुरु पब्लिकेशन्स|year=२००३|isbn=81-7030-774-0|page=११५|language=अंग्रेज़ी|trans_title=भारत में बौद्ध स्थल एवं मंदिर: इतिहास, कला और स्थापत्य कला|quote=The ancient Kuru janapada is said to have comprised Kurukshetra, Thanesar, Karnal, Panipat, Sonipat.....}} ISBN 978-81-7030-774-7</ref> शब्द हरियाणा सर्वप्रथम १२वीं सदी में [[अपभ्रंश]] लेखक [[विबुध श्रीधर]] ([[विक्रम संवत|विसं]] ११८९–१२३०) ने उल्लिखीत किया था।<ref>{{Cite journal| title=An Early Attestation of the Toponym Ḍhillī, |trans_title=दिल्ली स्थान के प्रारम्भिक साक्ष्य |author=रिचर्ड जे॰ कोहेन |publisher= जर्नल ऑफ़ द अमेरिकन ओरियण्टल सोसाइटी |year=१९८९ |page=५१३–५१९ |quote=हरियाणए देसे असंखगाम, गामियण जणि अणवरथ काम।<br/>परचक्क विहट्टणु सिरिसंघट्टणु, जो सुरव इणा परिगणियं।<br/>रिउ रुहिरावट्टणु बिउलु पवट्टणु, ढिल्ली नामेण जि भणियं।<br/>अनुवाद: हरियाणा राष्ट्र में अनगिनत गाँव हैं। वहाँ के लोग कड़ी मेहनत करते हैं। वो अन्य प्रभुत्व को स्वीकार नहीं करते और शत्रु का रक्त बहाने में विशेषज्ञ हैं। इन्द्र स्वयं इस राष्ट्र की स्तुति करते हैं। इस देश की राजधानी दिल्ली है।}}</ref>
 
=== उत्पत्ति ===
शब्द ''हरियाणा'' का अर्थ "भगवान का निवास" होता है जो संस्कृत शब्द ''हरि'' (हिन्दू देवता [[विष्णु]]) और ''अयण'' (निवास) से मिलकर बना है।<ref>[http://www.britannica.com/EBchecked/topic/256424/Haryana Haryana] ब्रितानिका ऑनलाइन एन्साइक्लोपीडिया</ref> मुनीलाल, मुरली चन्द शर्मा, एच॰ए॰ फड़के और सुखदेव सिंह छिब जैसे विद्वानों के अनुसार ''हरियाणा'' में शब्द की उत्पति ''हरि'' (संस्कृत ''हरित'', हरा) और ''अरण्य'' (जंगल) से हुई है।<ref name="Bijender_Tourism">{{cite book | title = Tourism management: problems and prospects | author = Bijender K Punia | page = 18 | year = 1993 | publisher = APH | isbn = 978-81-7024-643-5 }}</ref>
 
=== प्राचीन इतिहास ===
सिंधु घाटी जितनी पुरानी कई सभ्यताओं के अवशेष सरस्वती नदी के किनारे पाए गए हैं। जिनमे नौरंगाबाद और मिट्टाथल भिवानी में, कुणाल, फतेहाबाद मे, अग्रोहा और राखीगढी़ हिसार में, रूखी रोहतक में और बनवाली सिरसा जिले में प्रमुख है। प्राचीन वैदिक सभ्यता भी सरस्वती नदी के तट के आस पास फली फूली। ऋग्वेद के मंत्रों की रचना भी यहीं हुई है।
 
=== ग्रंथों में वर्णन ===
कुछ प्राचीन हिंदू ग्रंथों के अनुसार, कुरुक्षेत्र की सीमायें, मोटे तौर पर हरियाणा राज्य की सीमायें हैं। [[तैत्रीय अरण्यक]] ५.१.१ के अनुसार, कुरुक्षेत्र क्षेत्र, तुर्घना (श्रुघना / सुघ सरहिन्द, पंजाब में) के दक्षिण में, खांडव (दिल्ली और मेवात क्षेत्र) के उत्तर में, मारू (रेगिस्तान) के पूर्व में और पारिन के पश्चिम में है।<ref>[http://web.archive.org/web/20070628135849/http://www.omilosmeleton.gr/english/documents/VedicEvidenceforAMT.pdf] आर्यों के भारत प्रवासन संबंधी वैदिक प्रमाण पर विशाल अग्रवाल का पत्र</ref> भारत के महाकाव्य [[महाभारत]]मे हरियाणा का उल्लेख ''बहुधान्यक''और ''बहुधन''के रूप में किया गया है। महाभारत में वर्णित हरियाणा के कुछ स्थान आज के आधुनिक शहरों जैसे, प्रिथुदक ([[पेहोवा]]), तिलप्रस्थ ([[तिल्पुट]]), पानप्रस्थ ([[पानीपत]]) और सोनप्रस्थ ([[सोनीपत]]) में विकसित हो गये हैं। [[गुड़गाँव]] का अर्थ गुरु के ग्राम यानि [[गुरु द्रोणाचार्य]] के गाँव से है। कौरवों और पांडवों के बीच हुआ महाभारत का प्रसिद्ध युद्ध [[कुरुक्षेत्र]] नगर के निकट हुआ था। कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश यहीं पर दिया था। इसके बाद अठारह दिन तक हस्तिनापुर के सिंहासन का अधिकारी तय करने के लिये कुरुक्षेत्र के मैदानी इलाकों में पूरे भारत से आयी सेनाओं के मध्य भीषण संघर्ष हुआ। जनश्रुति के अनुसार [[महाराजा अग्रसेन्]] ने अग्रोहा जो आज के हिसार के निकट स्थित है, में एक व्यापारियों के समृद्ध नगर की स्थापना की थी। किवंदती है कि जो भी व्यक्ति यहाँ बसना चाहता था उसे एक ईंट और रुपया शहर के सभी एक लाख नागरिकों द्वारा दिया जाता था, इससे उस व्यक्ति के पास घर बनाने के लिये पर्याप्त ईंटें और व्यापार शुरू करने के लिए पर्याप्त धन होता था।
 
=== मघ्यकालीन इतिहास ===
हूण के शासन के पश्चात [[हर्षवर्धन]] द्वारा 7वीं शताब्दी में स्थापित राज्य की राजधानी [[कुरुक्षेत्र]] के पास [[थानेसर]] में बसायी। उसकी मौत के बाद प्रतिहार ने वहां शासन करना आरंभ कर दिया और अपनी राजधानी [[कन्नौज]] बना ली। यह स्थान दिल्ली के शासक के लिये महत्वपूर्ण था। [[पृथ्वीराज चौहान]] ने १२वीं शताब्दी में अपना किला [[हाँसी]] और [[तरावड़ी]] (पुराना नाम तराईन) में स्थापित कर लिया।[[मुहम्मद गौरी]] ने दुसरी [[तराइन का युद्ध|तराईन युध]] में इस पर कब्जा कर लिया। उसके पश्चात दिल्ली सल्तनत ने कई सदी तक यहाँ शासन किया।
 
विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा दिल्ली पर अधिकार के लिए अधिकतर युद्ध हरियाणा की धरती पर ही लड़े गए। तरावड़ी के युद्ध के अतिरिक्त [[पानीपत]] के मैदान में भी [[पानीपत के युद्ध|तीन युद्ध]] एसे लड़े गए जिन्होंने भारत के इतिहास की दिशा ही बदल दी। ब्रिटिश राज से मुक्ति पाने के आन्दोलनों में हरियाणा वासियों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। रेवाड़ी के [[राजा राव तुला राम]] का नाम १८५७ के संग्राम में योगदान दिया।
 
=== राज्य स्थापना ===
एक राज्य के रूप में हरियाणा १ नवंबर १९६६ को पंजाब पुनर्गठन अधिनियम (१९६६) के माध्यम से अस्तित्व में आया था। भारत सरकार ने २३ अप्रैल १९६६ को पंजाब के तत्कालीन राज्य को निवासियों द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं के आधार पर विभाजित करने के विचार के बाद हरियाणा के नए राज्य की सीमा निर्धारित करने के लिए न्यायमूर्ति जेसी शाह की अध्यक्षता में शाह आयोग की स्थापना की। आयोग ने ३१ मई १९६६ को अपनी रिपोर्ट दे दी, जिससे हिसार, महेंद्रगढ़, गुड़गांव, रोहतक और करनाल के तत्कालीन जिलों हरियाणा के नए राज्य का हिस्सा बन गए। इसके अलावा, संगरूर जिले की जिंद और नरवाना तहसील, और साथ साथ ही नारायणगढ़, अंबाला और जगधरी को भी इसमें शामिल किया जाना था।
 
आयोग ने यह भी सिफारिश की थी कि खारद तहसील, जिसमें पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ शामिल थी, को हरियाणा का हिस्सा होना चाहिए। हालांकि, हरियाणा को खड़द का केवल एक छोटा सा हिस्सा दिया गया था। चंडीगढ़ शहर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था, जो कालांतर में पंजाब और हरियाणा दोनों की राजधानी बना।
 
== भूगोल ==
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हरियाणा की प्रमुख झीलों में [[गुरुग्राम]] का बसई वेटलैंड, [[फरीदाबाद]] की [[बड़खल झील]] और प्राचीन [[सूरजकुण्ड]], [[कुरुक्षेत्र]] के [[सन्निहित सरोवर|सन्निहित]] और [[ब्रह्मसरोवर|ब्रह्म सरोवर]], [[हिसार]] की ब्लू बर्ड झील, सोहना की दमदामा झील, [[यमुनानगर जिला|यमुनानगर जिले]] का हथनी कुंड, [[करनाल]] की [[कर्ण झील]], और [[रोहतक]] की [[तिल्यार झील]] इत्यादि प्रमुख हैं। सिंचाई के लिए जल की व्यवस्था हेतु राज्य भर में नहरों का जाल बिछा है, जिनमें पश्चिमी यमुना नहर, [[इंदिरा गांधी नहर]] और प्रस्तावित [[सतलज यमुना लिंक नहर]] मुख्य हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले लगभग १४,००० जोहड़ों और ६० झीलों का प्रबंधन हरियाणा राज्य वाटरबॉडी प्रबंधन बोर्ड हरियाणा के जिम्मे है। राज्य का एकमात्र [[गरम चश्मा]] सोहना में स्थित है।
 
=== वन्य जीवन ===
२०१३ में राज्य में वन कवर ३.५९% (१,५८६ वर्ग किमी) था, और राज्य में वृक्षारोपण २.९०% (१,२८२ वर्ग किमी) था, जिसमें कुल वन और वृक्ष ६.४९% का कवर था। २०१६-१७ में, १४.१ मिलियन पौधे लगाकर १८,४१२ हेक्टेयर क्षेत्र को वन क्षेत्र के अंतर्गत लाया गया था। पूरे राज्य में कांटेदार, शुष्क, पर्णपाती वन और कांटेदार झाड़ियों को पाया जा सकता है। मानसून के दौरान, घास का एक कालीन पहाड़ियों को ढक लेता है। शहतूत, नीलगिरी, पाइन, किकर, शिशम और बाबुल यहां पाए जाने वाले कुछ पेड़ हैं। हरियाणा राज्य में पाए जाने वाले जीवों की प्रजातियों में काला हिरण, नीलगाय, पैंथर, लोमड़ी, नेवला, सियार और जंगली कुत्ता शामिल हैं। यहां पक्षियों की ४५० से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं।
 
=== जलवायु ===
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[[करनाल जिला|करनाल]], [[कुरुक्षेत्र जिला|कुरुक्षेत्र]] और [[अम्बाला जिला|अंबाला]] जिलों के कुछ हिस्सों को छोड़कर पूरे राज्य में वर्षा कम और अनियमित है। वर्ष भर में अधिकतम वर्षा २१६ सेमी, जबकि न्यूनतम वर्षा २५ से ३८ सेमी तक रिकॉर्ड की जाती है। जुलाई से सितंबर के महीनों के दौरान लगभग ८० प्रतिशत बारिश होती है, और शेष वर्षा दिसंबर से फरवरी की अवधि के दौरान प्राप्त होती है।
 
=== वन्य जीवन ===
२०१३ में राज्य में वन कवर ३.५९% (१,५८६ वर्ग किमी) था, और राज्य में वृक्षारोपण २.९०% (१,२८२ वर्ग किमी) था, जिसमें कुल वन और वृक्ष ६.४९% का कवर था। २०१६-१७ में, १४.१ मिलियन पौधे लगाकर १८,४१२ हेक्टेयर क्षेत्र को वन क्षेत्र के अंतर्गत लाया गया था। पूरे राज्य में कांटेदार, शुष्क, पर्णपाती वन और कांटेदार झाड़ियों को पाया जा सकता है। मानसून के दौरान, घास का एक कालीन पहाड़ियों को ढक लेता है। शहतूत, नीलगिरी, पाइन, किकर, शिशम और बाबुल यहां पाए जाने वाले कुछ पेड़ हैं। हरियाणा राज्य में पाए जाने वाले जीवों की प्रजातियों में काला हिरण, नीलगाय, पैंथर, लोमड़ी, नेवला, सियार और जंगली कुत्ता शामिल हैं। यहां पक्षियों की ४५० से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं।
 
== मण्डल तथा जिले ==
{{मुख्य|हरियाणा के मण्डल|हरियाणा के जिले}}
[[चित्र:Haryana 2011 administrative.svg|अंगूठाकार|400px|हरियाणा के जिले (२०११)]]
प्रशासनिक आधार पर हरियाणा को [[हरियाणा के जिले|२२ जिलों]] में विभाजित किया गया है, जो ६ मण्डलों में समूहबद्ध हैं। इन २२ जिलों में ७२ सब-डिवीजन, ९३ तहसील, ५० उप-तहसील, १४० सामुदायिक विकास खंड, १५४ नगर तथा कस्बे, ६,२१२ ग्राम पंचायत और ६,८१ गांव हैं।
 
१ नवंबर १९६६ को जब तत्कालीन [[पूर्वी पंजाब]] के विभाजन द्वारा हरियाणा राज्य की स्थापना हुई थी, तब राज्य में ७ जिले थे; [[रोहतक जिला|रोहतक]], [[जींद जिला|जींद]], [[हिसार जिला|हिसार]], [[महेंद्रगढ़ जिला|महेंद्रगढ़]], [[गुरुग्राम जिला|गुडगाँव]], [[करनाल जिला|करनाल]] तथा [[अम्बाला जिला|अम्बाला]]। २०१७ तक इन जिलों के पुनर्गठन के माध्यम से १४ नए जिले जोड़े जा चुके हैं।
 
{|class="wikitable" style="text-align: left;"
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|+हरियाणा के मण्डल तथा जिले
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! मण्डल !! जिले
|-
| [[अम्बाला मण्डल|अम्बाला]] || [[अम्बाला जिला|अम्बाला]], [[कुरुक्षेत्र जिला|कुरुक्षेत्र]], [[पंचकुला जिला|पंचकुला]], [[यमुनानगर जिला|यमुनानगर]]
|-
| [[फरीदाबाद मण्डल|फरीदाबाद]] || [[फरीदाबाद जिला|फरीदाबाद]], [[पलवल जिला|पलवल]], [[मेवात जिला|मेवात]]
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| [[गुरुग्राम मण्डल|गुरुग्राम]] || [[गुरुग्राम जिला|गुरुग्राम]], [[महेंद्रगढ़ जिला|महेंद्रगढ़]], [[रेवाड़ी ज़िला|रेवाड़ी]]
|-
| [[हिसार मण्डल|हिसार]] || [[फतेहाबाद जिला|फतेहाबाद]], [[जींद जिला|जींद]], [[हिसार जिला|हिसार]], [[सिरसा जिला|सिरसा]]
|-
| [[रोहतक मण्डल|रोहतक]] || [[झज्जर जिला|झज्जर]], [[दादरी जिला|दादरी]], [[रोहतक जिला|रोहतक]], [[सोनीपत जिला|सोनीपत]], [[भिवानी जिला|भिवानी]]
|-
| [[करनाल मण्डल|करनाल]] || [[करनाल जिला|करनाल]], [[पानीपत जिला|पानीपत]], [[कैथल जिला|कैथल]]
|}
 
== जनसांख्यिकी ==
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}}
हिंदी २०१० तक हरियाणा की एकमात्र आधिकारिक भाषा थी और राज्य की अधिकांश आबादी (८७.३१%) द्वारा बोली जाती है।<ref name="2011lang">{{cite web |url=http://nclm.nic.in/shared/linkimages/NCLM50thReport.pdf |title= Report of the Commissioner for linguistic minorities: 50th report (July 2012 to June 2013) |publisher=Commissioner for Linguistic Minorities, Ministry of Minority Affairs, Government of India |format=PDF| accessdate=4 December 2016}}</ref> हरियाणा में ७०% ग्रामीण आबादी है जो मुख्य रूप से हिंदी की हरियाणवी बोली बोलती है, साथ ही साथ अन्य संबंधित बोलियां भी, जैसे बागरी और मेवाती।
 
==इतिहास==
{{See also|हरियाणा का इतिहास}}
इसकी स्थापना १ नवम्बर १९६६ को हुई। इसे भाषायी आधार पर [[पूर्वी पंजाब]] से नये राज्य के रूप में बनाया गया।<ref>{{cite book|url=http://books.google.co.in/books?id=HxlIAAAAIAAJ|title=Haryana, ancient and medieval|author=एच॰ए॰ फड़के|publisher=हरमन पब्लिशिंग हाउस|year=१९९०|isbn=81-85151-34-2|page=३३|language=अंग्रेज़ी|trans_title=हरियाणा, प्राचीन और मध्यकालीन|quote=As Haryana or the ancient Kuru janapada....}} ISBN 978-81-85151-34-2</ref><ref>{{cite book |chapter = Kuru Janapad (कुरू जनपद) |page = २, ३ & ७) |title=Buddhist remains from Haryana |trans_title=हरियाणा से बौद्ध अवशेष |author=देवेन्द्र हांडा |publisher =संदीप प्रकाशन |year=२००४ (मूल प्रकाशन मिशिगन विश्वविद्यालय द्वारा ३ सितम्बर २००८ को अंकीकृत किया गया।) |quote= If the Buddhist texts are to be relied upon, it may be said that Buddhism reached Haryana through the Buddha himself. (पृष्ठ 3)<br/>Dipavamsa refers to Buddha's visit to a city in the Kuru country where he received alms on the banks of the Anotatta lake which he crossed. The city may have been Kurukshetra..... (पृष्ठ 3)<br/>We shall see subsequently that Agroha was an important Buddhist centre of Haryana.....Buddhaghosha's candid confession that even a single monastery could not be set up in the Kuru country during the lifetime of Tathagata who was obliged to stay in the hermitage of a Brahmana.... (पृष्ठ ७)|isbn=9788175741539|language=अंग्रेज़ी |url=https://books.google.co.in/books?ei=BxbJVNmvGIH_8QWGzoDgBw}}</ref><ref>{{cite book|title=Buddhist sites and shrines in India: history, art and architecture|author=डी॰सी॰ अहीर|publisher=श्री सतगुरु पब्लिकेशन्स|year=२००३|isbn=81-7030-774-0|page=११५|language=अंग्रेज़ी|trans_title=भारत में बौद्ध स्थल एवं मंदिर: इतिहास, कला और स्थापत्य कला|quote=The ancient Kuru janapada is said to have comprised Kurukshetra, Thanesar, Karnal, Panipat, Sonipat.....}} ISBN 978-81-7030-774-7</ref> शब्द हरियाणा सर्वप्रथम १२वीं सदी में [[अपभ्रंश]] लेखक [[विबुध श्रीधर]] ([[विक्रम संवत|विसं]] ११८९–१२३०) ने उल्लिखीत किया था।<ref>{{Cite journal| title=An Early Attestation of the Toponym Ḍhillī, |trans_title=दिल्ली स्थान के प्रारम्भिक साक्ष्य |author=रिचर्ड जे॰ कोहेन |publisher= जर्नल ऑफ़ द अमेरिकन ओरियण्टल सोसाइटी |year=१९८९ |page=५१३–५१९ |quote=हरियाणए देसे असंखगाम, गामियण जणि अणवरथ काम।<br/>परचक्क विहट्टणु सिरिसंघट्टणु, जो सुरव इणा परिगणियं।<br/>रिउ रुहिरावट्टणु बिउलु पवट्टणु, ढिल्ली नामेण जि भणियं।<br/>अनुवाद: हरियाणा राष्ट्र में अनगिनत गाँव हैं। वहाँ के लोग कड़ी मेहनत करते हैं। वो अन्य प्रभुत्व को स्वीकार नहीं करते और शत्रु का रक्त बहाने में विशेषज्ञ हैं। इन्द्र स्वयं इस राष्ट्र की स्तुति करते हैं। इस देश की राजधानी दिल्ली है।}}</ref>
 
=== उत्पत्ति ===
शब्द ''हरियाणा'' का अर्थ "भगवान का निवास" होता है जो संस्कृत शब्द ''हरि'' (हिन्दू देवता [[विष्णु]]) और ''अयण'' (निवास) से मिलकर बना है।<ref>[http://www.britannica.com/EBchecked/topic/256424/Haryana Haryana] ब्रितानिका ऑनलाइन एन्साइक्लोपीडिया</ref> मुनीलाल, मुरली चन्द शर्मा, एच॰ए॰ फड़के और सुखदेव सिंह छिब जैसे विद्वानों के अनुसार ''हरियाणा'' में शब्द की उत्पति ''हरि'' (संस्कृत ''हरित'', हरा) और ''अरण्य'' (जंगल) से हुई है।<ref name="Bijender_Tourism">{{cite book | title = Tourism management: problems and prospects | author = Bijender K Punia | page = 18 | year = 1993 | publisher = APH | isbn = 978-81-7024-643-5 }}</ref>
 
=== प्राचीन इतिहास ===
सिंधु घाटी जितनी पुरानी कई सभ्यताओं के अवशेष सरस्वती नदी के किनारे पाए गए हैं। जिनमे नौरंगाबाद और मिट्टाथल भिवानी में, कुणाल, फतेहाबाद मे, अग्रोहा और राखीगढी़ हिसार में, रूखी रोहतक में और बनवाली सिरसा जिले में प्रमुख है। प्राचीन वैदिक सभ्यता भी सरस्वती नदी के तट के आस पास फली फूली। ऋग्वेद के मंत्रों की रचना भी यहीं हुई है।
 
=== ग्रंथों में वर्णन ===
कुछ प्राचीन हिंदू ग्रंथों के अनुसार, कुरुक्षेत्र की सीमायें, मोटे तौर पर हरियाणा राज्य की सीमायें हैं। [[तैत्रीय अरण्यक]] ५.१.१ के अनुसार, कुरुक्षेत्र क्षेत्र, तुर्घना (श्रुघना / सुघ सरहिन्द, पंजाब में) के दक्षिण में, खांडव (दिल्ली और मेवात क्षेत्र) के उत्तर में, मारू (रेगिस्तान) के पूर्व में और पारिन के पश्चिम में है।<ref>[http://web.archive.org/web/20070628135849/http://www.omilosmeleton.gr/english/documents/VedicEvidenceforAMT.pdf] आर्यों के भारत प्रवासन संबंधी वैदिक प्रमाण पर विशाल अग्रवाल का पत्र</ref> भारत के महाकाव्य [[महाभारत]]मे हरियाणा का उल्लेख ''बहुधान्यक''और ''बहुधन''के रूप में किया गया है। महाभारत में वर्णित हरियाणा के कुछ स्थान आज के आधुनिक शहरों जैसे, प्रिथुदक ([[पेहोवा]]), तिलप्रस्थ ([[तिल्पुट]]), पानप्रस्थ ([[पानीपत]]) और सोनप्रस्थ ([[सोनीपत]]) में विकसित हो गये हैं। [[गुड़गाँव]] का अर्थ गुरु के ग्राम यानि [[गुरु द्रोणाचार्य]] के गाँव से है। कौरवों और पांडवों के बीच हुआ महाभारत का प्रसिद्ध युद्ध [[कुरुक्षेत्र]] नगर के निकट हुआ था। कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश यहीं पर दिया था। इसके बाद अठारह दिन तक हस्तिनापुर के सिंहासन का अधिकारी तय करने के लिये कुरुक्षेत्र के मैदानी इलाकों में पूरे भारत से आयी सेनाओं के मध्य भीषण संघर्ष हुआ। जनश्रुति के अनुसार [[महाराजा अग्रसेन्]] ने अग्रोहा जो आज के हिसार के निकट स्थित है, में एक व्यापारियों के समृद्ध नगर की स्थापना की थी। किवंदती है कि जो भी व्यक्ति यहाँ बसना चाहता था उसे एक ईंट और रुपया शहर के सभी एक लाख नागरिकों द्वारा दिया जाता था, इससे उस व्यक्ति के पास घर बनाने के लिये पर्याप्त ईंटें और व्यापार शुरू करने के लिए पर्याप्त धन होता था।
 
=== मघ्यकालीन इतिहास ===
हूण के शासन के पश्चात [[हर्षवर्धन]] द्वारा 7वीं शताब्दी में स्थापित राज्य की राजधानी [[कुरुक्षेत्र]] के पास [[थानेसर]] में बसायी। उसकी मौत के बाद प्रतिहार ने वहां शासन करना आरंभ कर दिया और अपनी राजधानी [[कन्नौज]] बना ली। यह स्थान दिल्ली के शासक के लिये महत्वपूर्ण था। [[पृथ्वीराज चौहान]] ने १२वीं शताब्दी में अपना किला [[हाँसी]] और [[तरावड़ी]] (पुराना नाम तराईन) में स्थापित कर लिया।[[मुहम्मद गौरी]] ने दुसरी [[तराइन का युद्ध|तराईन युध]] में इस पर कब्जा कर लिया। उसके पश्चात दिल्ली सल्तनत ने कई सदी तक यहाँ शासन किया।
 
विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा दिल्ली पर अधिकार के लिए अधिकतर युद्ध हरियाणा की धरती पर ही लड़े गए। तरावड़ी के युद्ध के अतिरिक्त [[पानीपत]] के मैदान में भी [[पानीपत के युद्ध|तीन युद्ध]] एसे लड़े गए जिन्होंने भारत के इतिहास की दिशा ही बदल दी। ब्रिटिश राज से मुक्ति पाने के आन्दोलनों में हरियाणा वासियों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। रेवाड़ी के [[राजा राव तुला राम]] का नाम १८५७ के संग्राम में योगदान दिया।
 
=== राज्य स्थापना ===
एक राज्य के रूप में हरियाणा १ नवंबर १९६६ को पंजाब पुनर्गठन अधिनियम (१९६६) के माध्यम से अस्तित्व में आया था। भारत सरकार ने २३ अप्रैल १९६६ को पंजाब के तत्कालीन राज्य को निवासियों द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं के आधार पर विभाजित करने के विचार के बाद हरियाणा के नए राज्य की सीमा निर्धारित करने के लिए न्यायमूर्ति जेसी शाह की अध्यक्षता में शाह आयोग की स्थापना की। आयोग ने ३१ मई १९६६ को अपनी रिपोर्ट दे दी, जिससे हिसार, महेंद्रगढ़, गुड़गांव, रोहतक और करनाल के तत्कालीन जिलों हरियाणा के नए राज्य का हिस्सा बन गए। इसके अलावा, संगरूर जिले की जिंद और नरवाना तहसील, और साथ साथ ही नारायणगढ़, अंबाला और जगधरी को भी इसमें शामिल किया जाना था।
 
आयोग ने यह भी सिफारिश की थी कि खारद तहसील, जिसमें पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ शामिल थी, को हरियाणा का हिस्सा होना चाहिए। हालांकि, हरियाणा को खड़द का केवल एक छोटा सा हिस्सा दिया गया था। चंडीगढ़ शहर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था, जो कालांतर में पंजाब और हरियाणा दोनों की राजधानी बना।
 
== मण्डल तथा जिले ==
{{मुख्य|हरियाणा के मण्डल|हरियाणा के जिले}}
[[चित्र:Haryana 2011 administrative.svg|अंगूठाकार|400px|हरियाणा के जिले (२०११)]]
प्रशासनिक आधार पर हरियाणा को [[हरियाणा के जिले|२२ जिलों]] में विभाजित किया गया है, जो ६ मण्डलों में समूहबद्ध हैं। इन २२ जिलों में ७२ सब-डिवीजन, ९३ तहसील, ५० उप-तहसील, १४० सामुदायिक विकास खंड, १५४ नगर तथा कस्बे, ६,२१२ ग्राम पंचायत और ६,८१ गांव हैं।
 
१ नवंबर १९६६ को जब तत्कालीन [[पूर्वी पंजाब]] के विभाजन द्वारा हरियाणा राज्य की स्थापना हुई थी, तब राज्य में ७ जिले थे; [[रोहतक जिला|रोहतक]], [[जींद जिला|जींद]], [[हिसार जिला|हिसार]], [[महेंद्रगढ़ जिला|महेंद्रगढ़]], [[गुरुग्राम जिला|गुडगाँव]], [[करनाल जिला|करनाल]] तथा [[अम्बाला जिला|अम्बाला]]। २०१७ तक इन जिलों के पुनर्गठन के माध्यम से १४ नए जिले जोड़े जा चुके हैं।
 
{|class="wikitable" style="text-align: left;"
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|+हरियाणा के मण्डल तथा जिले
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! मण्डल !! जिले
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| [[अम्बाला मण्डल|अम्बाला]] || [[अम्बाला जिला|अम्बाला]], [[कुरुक्षेत्र जिला|कुरुक्षेत्र]], [[पंचकुला जिला|पंचकुला]], [[यमुनानगर जिला|यमुनानगर]]
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| [[फरीदाबाद मण्डल|फरीदाबाद]] || [[फरीदाबाद जिला|फरीदाबाद]], [[पलवल जिला|पलवल]], [[मेवात जिला|मेवात]]
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| [[गुरुग्राम मण्डल|गुरुग्राम]] || [[गुरुग्राम जिला|गुरुग्राम]], [[महेंद्रगढ़ जिला|महेंद्रगढ़]], [[रेवाड़ी ज़िला|रेवाड़ी]]
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| [[हिसार मण्डल|हिसार]] || [[फतेहाबाद जिला|फतेहाबाद]], [[जींद जिला|जींद]], [[हिसार जिला|हिसार]], [[सिरसा जिला|सिरसा]]
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| [[रोहतक मण्डल|रोहतक]] || [[झज्जर जिला|झज्जर]], [[दादरी जिला|दादरी]], [[रोहतक जिला|रोहतक]], [[सोनीपत जिला|सोनीपत]], [[भिवानी जिला|भिवानी]]
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| [[करनाल मण्डल|करनाल]] || [[करनाल जिला|करनाल]], [[पानीपत जिला|पानीपत]], [[कैथल जिला|कैथल]]
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== नगर तथा कस्बे ==
{{मुख्य|हरियाणा के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची}}
हरियाणा में कुल १५४ नगर तथा कस्बे हैं। २०११ की जनगणना के अनुसार राज्य में १ लाख से अधिक जनसंख्या वाले १८ नगर हैं: [[फरीदाबाद]], [[गुरुग्राम]], [[पानीपत]], [[अम्बाला]], [[यमुनानगर]], [[रोहतक]], [[हिसार]], [[करनाल]], [[सोनीपत]], [[पंचकुला]], [[भिवानी]], [[सिरसा]], [[बहादुरगढ़]], [[जींद]], [[थानेसर]], [[कैथल]], [[रेवाड़ी]] और [[पलवल]]।
 
[[चण्डीगढ़]], जो भारत का एक [[केन्द्र शासित प्रदेश]] है, हरियाणा की [[भारत के राज्यों की राजधानियां|राजधानी]] है। [[१ नवंबर]], [[१९६६]] को जब पंजाब के [[हिन्दी]]-भाषी पूर्वी भाग को काटकर हरियाणा राज्य का गठन किया गया, तो चंडीगढ़ शहर के दोनों के बीच सीमा पर स्थित होने के कारण इसी दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी के रूप में घोषित किया गया और साथ ही संघ शासित क्षेत्र भी घोषित किया गया था। अगस्त १९८५ में तत्कालीन प्रधान मंत्री [[राजीव गांधी]] और [[अकाली दल]] के संत [[हरचंद सिंह लोंगोवाल]] के बीच हुए समझौते के अनुसार, चंडीगढ़ को १९८६ में पंजाब में स्थानांतरित होना तय हुआ था। इसके साथ ही हरियाणा के लिए एक नयी राजधानी का सृजन भी होना था, किन्तु कुछ प्रशासनिक कारणों के चलते इस स्थानांतरण में विलंब हुआ। इस विलंब के मुख्य कारणों में दक्षिणी पंजाब के कुछ हिन्दी-भाषी गाँवों को हरियाणा और पश्चिम हरियाणा के पंजाबी-भाषी गाँवों को पंजाब को देने का विवाद था।
 
<gallery class="center" caption="हरियाणा के प्रमुख नगर" widths=150px heights=88px>
File:Crown plaza Faridabad.jpg|[[फरीदाबाद]]
File:Yagya Shala, within the Mansa Devi temple complex, Panchkula near Chandigarh.jpg|[[पंचकुला]]
File:Cyber Green Building, Gurgaon, Haryana, India - 20070613.jpg|[[गुरुग्राम]]
file:Sheela Mata Temple Agroha.jpg|[[हिसार]]
File:Gymkhana club rohtak.jpg|[[रोहतक]]
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== परिवहन ==