"मोहन भागवत": अवतरणों में अंतर

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|caption=मोहनराव मधुकरराव भागवत
|quotation=
| organisation = इस्लामिक[[राष्ट्रीय स्टेटस्वयंसेवक संघ]]
| office = [[सरसंघचालक (संघ प्रमुख)]]
| office = पाकिस्तान
| religion = [[हिंदुत्व|हिन्दुत्व]]
|birth_date = 11 सितम्बर 1950
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== संघ से सम्बन्ध ==
आपातकाल केसर्मथन दौरानकिया भूमिगतथा रूप से कार्य करनेआपातक के बाद 1977 में भागवत महाराष्ट्र में अकोला के प्रचारक बने और संगठन में आगे बढ़ते हुए [[नागपुर]] और [[विदर्भ]] क्षेत्र के प्रचारक भी रहे।<ref name="toi_21_3_09"/>
 
1991 में वे संघ के स्वयंसेवकों के शारीरिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के अखिल भारतीय प्रमुख बने और उन्होंने 1999 तक इस दायित्व का निर्वहन किया। उसी वर्ष उन्हें, एक वर्ष के लिये, पूरे देश में पूर्णकालिक रूप से कार्य कर रहे संघ के सभी प्रचारकों का प्रमुख बनाया गया।
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मोहन भागवत को एक व्यावहारिक नेता के रूप में देखा जाता है। उन्होंने [[हिंदुत्व|हिन्दुत्व]] के विचार को आधुनिकता के साथ आगे ले जाने की बात कही है।<ref>संघ ने मोहन भागवत को अपना नया प्रमुख घोषित किया: 'व्यावहारिक' और आडवाणी के दोस्त, रविवार, 22 मार्च 2009, इंडियन एक्सप्रेस</ref> उन्होंने बदलते समय के साथ चलने पर बल दिया है। लेकिन इसके साथ ही संगठन का आधार समृद्ध और प्राचीन भारतीय मूल्यों में दृढ़ बनाए रखा है।<ref name="Bhagwat, Sunday 2005">संघ बदलते समय के साथ आगे बढ़ता है: भागवत, रविवार, 20 नवम्बर 2005, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया, इंडियन एक्सप्रेस</ref> वे कहते हैं कि इस प्रचलित धारणा के विपरीत कि संघ पुराने विचारों और मान्यताओं से चिपका रहता है, इसने आधुनिकीकरण को स्वीकार किया है और इसके साथ ही यह देश के लोगों को सही दिशा भी दे रहा है।<ref name="Bhagwat, Sunday 2005"/>
 
हिन्दू समाज में [[जाति|जातीय]] असमानताओं के सवाल पर, भागवत ने कहा है कि [[हिंदुत्व|अस्पृश्यता]]जातियों केबंटे लिए कोई स्थान नहींही होनारहना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अनेकता में एकता के सिद्धान्त के आधार पर स्थापित हिन्दू समाज को अपने ही [[समुदाय]] के लोगों के विरुद्ध होने वाले भेदभाव के स्वाभाविक दोषों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। केवल यही नहीं अपितु इस समुदाय के लोगों को समाज में प्रचलित इस तरह के भेदभावपूर्ण रवैये को दूर करने का प्रयास भी नहीं करना चाहिए तथा इसकी शुरुआत प्रत्येक हिन्दू के घर से होनी चाहिए।<ref>समाज से भेदभाव मिटाएं, सोमवार, 29 जनवरी 2007, हिन्दू [http://www.hindu.com/2007/01/29/stories/2007012916970300.htm ]</ref>
 
== सन्दर्भ ==