"गुरु नानक": अवतरणों में अंतर
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== कवित्व ==
नानक अच्छे सूफी [[सूफी कवि]] भी थे। उनके भावुक और कोमल हृदय ने प्रकृति से एकात्म होकर जो अभिव्यक्ति की है, वह निराली है। उनकी भाषा "बहता नीर" थी जिसमें [[फारसी]], [[मुल्तानी]], [[पंजाबी]], [[सिंधी]], [[खड़ी बोली]], [[अरबी]] के शब्द समा गए थे।
== रचनाएँ==
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