"शीतयुद्ध": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:NATO vs Warsaw (1949-1990)edit.png|right|thumb|300px|नाटो तथा वार्सा संधि के देश]]
[[द्वितीय विश्वयुद्ध]] के बाद के काल में [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] और [[सोवियत रूस|सोवियत रूस ( USSR)]] के बीच उत्पन्न तनाव की स्थिति को '''शीत युद्ध''' के नाम से जाना जाता है। कुछ इतिहासकारों द्वारा इसे 'शस्त्र सज्जित शान्ति' का नाम भी दिया गया है।
 
[[द्वितीय विश्वयुद्ध]] के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका, [[ब्रिटेन]] और रूस ने कंधे से कन्धा मिलाकर [[धूरी राष्ट्र|धूरी राष्ट्रों]]- [[जर्मनी]], [[इटली]] और [[जापान]] के विरूद्ध संघर्ष किया था। किन्तु युद्ध समाप्त होते ही, एक ओर [[ब्रिटेन]] तथा [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] तथा दूसरी ओर [[सोवियत संघ]] में तीव्र मतभेद उत्पन्न होने लगा। बहुत जल्द ही इन मतभेदों ने तनाव की भयंकर स्थिति उत्पन्न कर दी।
 
रूस के नेतृत्व में [[साम्यवाद|साम्यवादी]] और अमेरिका के नेतृत्व में [[पूँजीवाद|पूँजीवादी]] देश दो खेमों में बँट गये। इन दोनों पक्षों में आपसी टकराहट आमने सामने कभी नहीं हुई, पर ये दोनों गुट इस प्रकार का वातावरण बनाते रहे कि युद्ध का खतरा सदा सामने दिखाई पड़ता रहता था। [[बर्लिन संकट]], [[कोरिया युद्ध]], सोवियत रूस द्वारा [[आणविक परीक्षण]], सैनिक संगठन, [[हिन्द चीन की समस्या]], [[यू-2 विमान काण्ड]], [[क्यूबा मिसाइल संकट]] ( 1962) कुछ ऐसी परिस्थितियाँ थीं जिन्होंने शीतयुद्ध की अग्नि को प्रज्वलित किया। सन् [[1991]] में सोवियत रूस के विघटन से उसकी शक्ति कम हो गयी और शीतयुद्ध की समाप्ति हो गयी।
 
== शीतयुद्ध का अर्थ ==