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कलियुग के 1421 वर्ष बाकि है पिछली प्रलय बड़ी वैज्ञानिक प्रगति के बाद हुई थी इस बार भी आने वाले वाले समय में बड़ी वैज्ञानिक प्रगति होगी इंसान सुदूर अंतरिक्ष में अन्य पॄथ्वी जैसे ग्रहों तक पंहुचेगा और यह तभी संभव होगा जब अंतरिक्ष मिशन मंगल ग्रह या चाँद से परिचालित होंगे पॄथ्वी से बहूत तेज अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण करना सम्भव नही है
 
34580वर्ष पूर्व आयी महाप्रलय पॄथ्वी पर उल्कापिंड टकराने से हुई थी ये उल्कापिंड मेक्सिको में गिरा था टकराने वाली जगह करोड़ों साल के उल्कापिंड के अवशेष मिले है हो सकता पॄथ्वी जो अपनी धुरी पर झुकी है उसी टक्कर का नतीजा हो क्योंकि पॄथ्वी का झुकाव उधर हि है जिस तरफ़ टक्कर लगीं थी । ग॥ड्डे के हिसाब से उल्कापिंड बहूत बड़ा रहा होगा u जिससे इतनी गरमी निकली होगी कि समस्त पॄथ्वी के जीव जन्तु वनस्पतियाँ मिनटों में भस्म हो गयी होंगी समुद्र का पानी कई हजार डिग्री तापमान खौल गया होगा और हज़ारों फुट ऊँची लहरों से सागर का पानी भाप बनकर पॄथ्वी पर फैल गया होगा ।प्रलय के बाद कई महीनों तक भीषण बारीश हुई केवल वही इंसान बचे जो अंतरिक्ष मिशन से साल भर बाद लौटे थे और उन्ही से हमारी वर्तमान पीढी चल रही है बाकि बहूत सारी जीव प्रजातियों को विष्णु भगवान ने मत्स्य अवतार लेकर बचाया था