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→स्वरूप: नालंदा विशविदल्या में कई विषय पढ़ाते थे जैसे वेद तर्कविद्या दर्शन व्याकरण योग चिकित्सा न्याय साख्य ज्योतिश गणित विज्ञान आदि पढ़ाते थे टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
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== स्वरूप ==
यह विश्व का प्रथम पूर्णतः आवासीय विश्वविद्यालय था। विकसित स्थिति में इसमें विद्यार्थियों की संख्या करीब १०,००० एवं अध्यापकों की संख्या २००० थी। सातवीं शती में जब ह्वेनसाङ आया था उस समय १०,००० विद्यार्थी और १५१० आचार्य नालंदा विश्वविद्यालय में थे। इस विश्वविद्यालय में भारत के विभिन्न क्षेत्रों से ही नहीं बल्कि [[कोरिया]], [[जापान]], [[चीन]], [[तिब्बत]], [[इंडोनेशिया]], [[फारस]] तथा [[तुर्की]] से भी विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते थे। नालंदा के विशिष्ट शिक्षाप्राप्त स्नातक बाहर जाकर बौद्ध धर्म का प्रचार करते थे। इस विश्वविद्यालय को नौवीं शताब्दी से बारहवीं शताब्दी तक अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त थी।
== परिसर ==
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